शिमला। हिमाचल प्रदेश के 6 बार मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय रह चुके वीरभद्र सिंह का निधन हो गया है। वीरभद्र ने सुबह 3.40 बजे आखिरी सांस ली । दोबारा कोरोना पॉजिटिव आने के बाद से वह शिमला के आईजीएमसी में भर्ती थे।
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पूर्व सीएम करीब ढाई महीने से आईजीएमसी में दाखिल थे। सोमवार को अचानक तबीयत खराब होने के बाद डॉक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर पर दाखिल कर दिया था। गुरुवार सुबह उनका निधन हो गया। वह 87 साल के थे। आईजीएमसी के एमएस डॉ. जनक राज में उनके निधन की पुष्टि की है।
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वीरभद्र सिंह छह बार हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे हैं। वीरभद्र सिंह यूपीए सरकार में भी केंद्रीय कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। उनके पास केंद्रीय इस्पात मंत्रालय रहा। इसके अलावा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय भी रह चुका है।
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वीरभद्र सिंह का जन्म 23 जून, 1934 को बुशहर रियासत के राजा पदम सिंह के घर में हुआ। वीरभद्र सिंह ने 1962 में, वर्ष 1983 से 1990, 1993 से 1998, 1998 में कुछ दिन तक तीसरी बार, फिर 2003 से 2007 और 2012 से 2017 में हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे। लोकसभा के लिए वह पहली बार 1962 में चुने गए।
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पहली बार महासू लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। पंडित जवाहर लाल नेहरू उन्हें राजनीति में लाए थे। इस बात को वीरभद्र सिंह बार-बार दोहराते थे। लोकसभा के लिए वीरभद्र सिंह 1962, 1967, 1971, 1980 और 2009 में चुने गए। वर्तमान में वीरभद्र सिंह अर्की से विधायक थे। इंदिरा गांधी की सरकार में वीरभद्र सिंह दिसंबर 1976 से 1977 तक केंद्रीय पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री रहे। दूसरी बार भी वह इंदिरा सरकार में ही वर्ष 1982 से 1983 तक केंद्रीय उद्योग राज्यमंत्री रहे।