रांची: Former CM in contact with BJP along with many MLAs झारखंड में विधानसभा चुनाव के पहले बड़े सियासी उलटफेर की चर्चा है। जेल से रिहा होने के बाद हेमंत सोरेन दूसरी बार मुख्यमंत्री बन गए हैं। वहीं जिस तरह से चंपाई सोरेन को सीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ी, उसे लेकर उनकी नाराजगी की चर्चा खूब चल रही है। जो दावा किया जा रहा है उसके अनुसार यदि बात बनी तो वे जल्द ही नई दिल्ली जाकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात कर सकते हैं। लेकिन फिलहाल इसकी पुष्टि किसी भी स्तर से नहीं हो पा रही है।
ऐसे में राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि चंपाई सोरेन के साथ कोल्हान क्षेत्र के कई विधायक भी उनका साथ दे सकते हैं। फिलहाल चंपाई सोरेन अपने विधानसभा क्षेत्र सरायकेला में हैं और उनके रांची पहुंचने की संभावना है।
दरअसल, असम के मुख्यमंत्री और झारखंड बीजेपी के सह चुनाव प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा ने चंपाई सोरेन की तारीफ करके सियासत को और हवा दे दी है। बीजेपी के एक कार्यक्रम में शामिल होने रांची पहुंचे हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि 2019 के बाद से जब से हेमंत सोरेन के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनी, लोगों की जनआकांक्षा पूरी नहीं हुई, राज्य सरकार ने कोई भी वायदा पूरा नहीं किया। सिर्फ चंपाई सोरेन के करीब छह महीने के कार्यकाल में ही थोड़ा बहुत काम हुआ। झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां योजना भी चंपाई सोरेन सरकार की देन है।
आपको बात दें कि सीएम हेमंत सोरेन से मंत्री चंपाई सोरेन की नाराजगी की चर्चा सत्ता परिवर्तन के साथ ही शुरू हो गई थी। लेकिन नाराजगी की खबरें तब जोर पकड़ी, जब 10 अगस्त को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जन्मदिन पर मंत्री चंपाई सोरेन ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से उन्हे बधाई नहीं दी।
राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि पूर्व सीएम और मंत्री चंपाई सोरेन का सबसे खास व्यक्ति पिछले कई दिनों से दिल्ली में मौजूद है। बताया जा रहा है कि बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से कई राउंड की बात भी हो चुकी हैं और वो चंपाई सोरेन का तार बीजेपी से जोड़ने में जुटे हुए हैं।
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सियासत में इस बात का भी बहुत जोर से शोर मचा है कि चंपाई सोरेन को जेएमएम के कई नाराज विधायकों का साथ मिल सकता है। चंपाई सोरेन को पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां के कई विधायकों का साथ मिल सकता है। वर्ष 2019 के चुनाव में कोल्हान क्षेत्र के 14 में से 11 सीटों पर जेएमएम को जीत मिली थी।
सीएम हेमंत सोरेन से जेएमएम विधायक लोबिन हेम्ब्रम काफी दिनों से नाराज चल रहे हैं। लोबिन हेम्ब्रम ने वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में बगावत कर राजमहल सीट से जेएमएम प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव भी लड़ने का काम किया था। जिसके बाद जेएमएम की शिकायत पर सुनवाई करने के पश्चात स्पीकर के न्यायाधिकरण ने उनकी सदस्यता समाप्त कर दी। वहीं जेएमएम विधायक चमरा लिंडा ने भी गठबंधन धर्म का पालन नहीं करते हुए लोहरदगा संसदीय सीट से चुनाव लड़ा। जेएमएम की ओर से उन्हें निलंबित किया गया है। वहीं हेमंत सोरेन के नेतृत्व में जब राज्य में जेएमएम गठबंधन की सरकार बनी, तो मंत्री बादल पत्रलेख की जगह दीपिका पांडेय को मंत्री बनाया गया। जिससे उनकी नाराजगी की चर्चा है। कई अन्य विधायकों की कथित नाराजगी की भी बात भी सामने आ रही है।