मुंबई। शिवसेना और ऐक्ट्रेस कंगना रनौत के बीच जारी घमासान के बीच पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कंगना रनौत के दफ्तर को तोड़े जाने को लेकर उद्धव ठाकरे सरकार पर निशाना साधा है। फडणवीस ने कहा है कि दाऊद इब्राहिम का घर नहीं तोड़ा जाता, जबकि कंगना का घर तोड़ दिया जा रहा है।
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फडणवीस ने उद्धव सरकार और शिवसेना पर निशाना साधते हुए कहा, ‘कंगना रनौत के मामले को आपने (शिवसेना) ने हद से ज्यादा तूल दिया है। वह कोई नेता नहीं है। आप दाऊद का घर तो तोड़ने गए नहीं लेकिन आपने उसका बंगला तोड़ दिया।’ इससे कुछ दिन पहले फडणवीस ने बीएमसी की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए हिंदी में एक ट्वीट में किया था, कि यह एक तरह से राज्य में ‘सरकार द्वारा प्रायोजित आतंक’ है।
महाराष्ट्र सरकार को ऐसा लगता है कि महाराष्ट्र में उनकी लड़ाई कोरोना से नहीं बल्कि कंगना से है। मैं उनको कहना चाहूंगा कि आप जितनी क्षमता कंगना के पीछे लगा रहे उसमें से 50 प्रतिशत भी कोरोना के पीछे लगाएंगे तो शायद लोगों की जान बच पाएं:महाराष्ट्र पूर्व CM और BJP नेता देवेंद्र फडणवीस pic.twitter.com/NVReWtKPP6
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 11, 2020
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इस विवाद के बीच केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की। आठवले ने कंगना रनौत के दफ्तर पर बीएमसी की कार्रवाई को गलत ठहराते हुए राज्यपाल से मुआवजे की मांग की। इससे पहले गुरुवार को रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के चीफ रामदास आठवले ने कंगना से उनके आवास पर करीब 1 घंटे तक मुलाकात की थी। आठवले ने कंगना को सुरक्षा का वादा करते हुए कहा था कि अगर वह राजनीति में आना चाहती हैं तो बीजेपी और RPI उनका स्वागत करेगी।
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कंगना ने इस मामले में कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी की चुप्पी पर भी सवाल उठाए हैं। कंगना ने ट्वीट करते हुए कहा कि एक महिला होने के नाते क्या उन्हें तकलीफ नहीं होती कि कंगना के साथ महाराष्ट्र सरकार ऐसा सुलूक कर रही है? कंगना ने सवाल किया, क्या आप अपनी पार्टी से नहीं कह सकतीं कि वह संविधान के सिद्धांतों को बनाए रखें जो हमें डॉक्टर आम्बेडकर ने दिए थे।