नयी दिल्ली, 26 जनवरी (भाषा) पूर्व प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर और वरिष्ठ अधिवक्ता सी.एस. वैद्यनाथन 76वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर घोषित 139 पद्म पुरस्कार विजेताओं में शामिल हैं।
सरकार द्वारा घोषित देश के शीर्ष नागरिक सम्मानों में सात पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण और 113 पद्म श्री सम्मान शामिल हैं।
न्यायमूर्ति खेहर को पद्म विभूषण और वैद्यनाथन को पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा।
वैद्यनाथन ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्वामित्व विवाद मामले में रामलला विराजमान की ओर से न्यायालय में बहस की थी।
न्यायमूर्ति खेहर ने केंद्र के राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) अधिनियम को रद्द करने वाली संविधान पीठ का नेतृत्व किया था।
वह सिख समुदाय से आने वाले पहले प्रधान न्यायाधीश थे। उन्होंने 13 सितंबर 2011 को शीर्ष न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण किया था।
न्यायमूर्ति खेहर ने उस पीठ का नेतृत्व किया था जिसने जनवरी 2016 में अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करने के फैसले को रद्द कर दिया था।
वह उस पीठ का हिस्सा थे जिसने निवेशकों को धन वापसी से संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय को जेल भेजा था।
न्यायमूर्ति खेहर ने अल्पमत वाले अपने फैसले में ‘तीन तलाक’ को मौलिक अधिकार के रूप में बरकरार रखा, जबकि मुस्लिम पुरुषों द्वारा तीन बार ‘तलाक’ कहकर अपनी पत्नियों को तलाक देने की प्रथा को धार्मिक स्वतंत्रता का अभिन्न अंग माना।
न्यायमूर्ति खेहर के नेतृत्व वाली नौ न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने फैसला सुनाया कि ‘‘निजता का अधिकार अनुच्छेद 21 और संविधान के संपूर्ण भाग 3 के तहत जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार का एक अंतर्निहित हिस्सा है।’’
भाषा सुभाष नरेश
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