राजनीति के मुखिया! नहीं रहे पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव, कैसा था छात्र राजनीति से रक्षामंत्री की कुर्सी तक का सफर

Mulayam Singh is no more : उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का निधन हो गया है। वह 81 साल के थे।

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  • Publish Date - October 10, 2022 / 10:12 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:56 PM IST

Mulayam Singh is no more : लखनऊ – उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का निधन हो गया है। वह 81 साल के थे। मुलायम सिंह गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में वह वेंटिलेटर पर थे। रविवार से उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी। मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद सपा कार्यकर्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई। पहलवान और शिक्षक रहे मुलायम ने लंबी सियासी पारी खेली। तीन बार यूपी के मुख्यमंत्री रहे। केंद्र में रक्षा मंत्री रहे। उन्हें बेहद साहसिक सियासी फैसलों के लिए भी जाना जाता है।>>*IBC24 News Channel के WHATSAPP  ग्रुप से जुड़ने के लिए  यहां CLICK करें*<<

पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने भी ट्वीट के जरिए नेताजी के निधन की पुष्टि

मुलायम सिंह यादव के पुत्र और यूपी के पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने भी ट्वीट के जरिए नेताजी के निधन की पुष्टि की है। अखिलेश ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा- ‘मेरे आदरणीय पिताजी नहीं रहे।’ मुलायम सिंह यादव के निधन की सूचना मिलते ही मेदांता अस्‍पताल पर उनके समर्थकों, परिवार के नजदीकी लोगों और राजनीतिक नेताओं-कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटने लगी है। बड़ी संख्‍या में आ रहे लोगों को देखते हुए अस्‍पताल पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

राजनैतिक दलों के महत्वपूर्ण पदों पर रहे

Mulayam Singh is no more : सैफई के रहने वाले मुलायम सिंह यादव ने राजनीति की शुरुआत केके डिग्री कालेज के पहले छात्र संघ अध्यक्ष के रूप में की थी। इसके बाद सहकारी बैंक के अध्यक्ष, सहकारिता मंत्री, मुख्यमंत्री, सांसद व रक्षा मंत्री बने। इसी बीच कई राजनैतिक दलों के महत्वपूर्ण पदों पर रहे और सही मौका देखकर अपनी पार्टी का गठन किया।

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शुरुआती शिक्षा गांव के परिषदीय स्कूल में हासिल की

Mulayam Singh is no more : 22 नवंबर 1939 में सुघर सिंह यादव के बेटे के रूप में जन्म मुलायम सिंह यादव ने जन्म लिया। शुरुआती शिक्षा गांव के परिषदीय स्कूल में हासिल की। 6 से 12 तक की शिक्षा उन्होंने करहल के जैन इंटर कालेज से हासिल की और बीए की पढ़ाई के लिए इटावा पहुंचे। इटावा में केकेडीसी कालेज में एडमिशन लिया और रहने के लिए जब बेहतर आसरा नहीं मिला तो कालेज के संस्थापक हजारीलाल वर्मा के घर में ही रहने का ठिकाना बना लिया।

छात्र संघ के पहले अध्यक्ष बन गए

Mulayam Singh is no more : 1962 के इस दौर में प्रदेश में पहली बार छात्र संघ के चुनाव की घोषणा हुई और राजनैतिक रुचि रखने वाले मुलायम सिंह ने ये मौका हाथ से जाने नहीं दिया और ताल ठोंक दी। वह छात्र संघ के पहले अध्यक्ष बन गए। यहीं से राजनीति की शुरूआत करके एक युवा नेता के रूप में उभरकर सामने आए।

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 बतौर शिक्षक काम किया

Mulayam Singh is no more : मुलायम ने एमए की शिक्षा लेने के लिए शिकोहाबाद के डिग्री कालेज में प्रवेश लिया। एमए करके करहल के जैन इंटर कालेज से बीटी की और कुछ समय तक जैन इंटर कालेज में बतौर शिक्षक काम किया, पर राजनैतिक दिलचस्पी रखने वाले मुलायम सिंह चुप नहीं बैठे।

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28 साल की उम्र में विधायक

Mulayam Singh is no more : मुलायम की विधायक नत्थू सिंह से नजदीकियां बढ़ीं। नत्थू सिंह ने 1967 के विधानसभा चुनाव में जसवंतनगर की अपनी सीट छोड़कर मुलायम को सोशलिस्ट पार्टी से चुनाव लड़ाया और किस्मत के धनी मुलायम सिंह यादव 28 साल की उम्र में विधायक बन गए।