विदेश सचिव ने संसदीय समिति के समक्ष इजराइल-फलस्तीन मामले पर प्रस्तुति दी

विदेश सचिव ने संसदीय समिति के समक्ष इजराइल-फलस्तीन मामले पर प्रस्तुति दी

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  • Publish Date - October 25, 2024 / 10:54 PM IST,
    Updated On - October 25, 2024 / 10:54 PM IST

नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर (भाषा) विदेश सचिव विक्रम मिस्री के नेतृत्व में विदेश मंत्रालय के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को एक संसदीय समिति को बताया कि वर्तमान में लगभग 30,000 भारतीय नागरिको के इजरायल में होने का अनुमान है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

विदेश मामले से संबंधित स्थायी समिति की बैठक में कुछ सदस्यों ने लद्दाख क्षेत्र में सीमा संकट के समाधान के लिए भारत और चीन के बीच हाल ही में हुए समझौते और भारत-कनाडा संबंधों में कड़वाहट के विषय भी उठाए।

सूत्रों के मुताबिक, मंत्रालय के प्रतिनिधिमंडल ने समिति से कहा कि पश्चिम एशिया में संघर्ष शुरू होने से पहले दोनों देशों के बीच हुए एक समझौते के तहत निर्माण क्षेत्र के लगभग 9,000 श्रमिक और 700 कृषि श्रमिक वहां गए हैं।

मंत्रालय ने वहां रहने वाले भारतीय नागरिकों की मदद करने के अपने प्रयासों पर प्रकाश डाला।

विदेश मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा व्यक्त किए इस रुख को दोहराया कि भारत चाहता है कि संकट को बातचीत के माध्यम से हल किया जाए।

सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस सदस्य शशि थरूर की अध्यक्षता वाली स्थायी समिति की बैठक में कुछ सदस्यों ने लद्दाख क्षेत्र में सीमा संकट के समाधान के लिए भारत और चीन के बीच हाल ही में हुए समझौते और भारत-कनाडा संबंधों में कड़वाहट के विषय भी उठाए।

अधिकारियों ने बैठक में दो मुद्दों पर संक्षिप्त टिप्पणियां कीं।

बैठक के बाद थरूर ने कहा कि यह एक सार्थक बैठक थी और इसमें इजराइल और फलस्तीन पर भारत के रुख पर विस्तृत चर्चा हुई।

उन्होंने कहा, ‘विदेश सचिव ने हमें विस्तार से जानकारी दी। हमने छोटे मुद्दों पर भी चर्चा की, जहां उन्होंने सदस्यों द्वारा उठाए गए अन्य मुद्दों, भारत-कनाडा और भारत-चीन संबंधों में हाल के घटनाक्रमों पर भी संक्षिप्त जानकारी दी।’

थरूर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि समिति की बैठक के दौरान प्रश्न और उत्तर सत्र काफी विस्तृत था, जिसमें संघर्ष के सभी पहलुओं को शामिल किया गया था।

उन्होंने मिस्री और भारतीय कूटनीतिज्ञों को धन्यवाद दिया।

सूत्रों के अनुसार, मंत्रालय ने कहा कि भारत-चीन समझौता 2020 में सीमा संकट से पहले की स्थिति को बहाल करेगा।

उन्होंने बताया कि एक विपक्षी सांसद ने पूछा कि क्या भारत ने इस संघर्ष में इजराइल के प्रति झुकाव दिखाया है।

प्रतिनिधिमंडल ने संसदीय समिति के समक्ष अपनी प्रस्तुति में फलस्तीनी शरणार्थियों की मदद के लिए फलस्तीनी अधिकारियों और संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी को भारत की मानवीय सहायता का विवरण दिया।

मिस्री ने इजराइल के साथ-साथ फलस्तीन के साथ भारत के संबंधों की बात की।

प्रतिनिधिमंडल ने अपनी प्रस्तुति में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 7 अक्टूबर, 2023 को हमास द्वारा इजराइली नागरिकों को निशाना बनाने की निंदा की है और फलस्तीन के एक अस्पताल में नागरिको हताहत होने पर भी चिंता व्यक्त की ।

मंत्रालय के प्रतिनिधिमंडल द्वारा समिति को बताया गया कि युद्ध शुरू होने के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन अजय’ के तहत 1,300 से अधिक भारतीय नागरिकों और कुछ नेपाली नागरिकों को इजराइल से निकाला।

भाषा हक प्रशांत

प्रशांत