नई दिल्ली। Visit of Foreign Minister S. Jaishankar : विदेश मंत्री एस. जयशंकर रविवार को सऊदी अरब, जर्मनी और स्विट्जरलैंड की छह दिवसीय यात्रा पर जाएंगे। इस यात्रा का उद्देश्य समग्र द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देना और क्षेत्रीय तथा वैश्विक चुनौतियों पर विचार-विमर्श करना है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, वह सबसे पहले सऊदी अरब की राजधानी रियाद की दो दिवसीय यात्रा पर जाएंगे, जहां वह मुख्य रूप से भारत-खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के विदेश मंत्रियों की पहली बैठक में भाग लेंगे।
जीसीसी एक प्रभावशाली समूह है जिसमें संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, सऊदी अरब, ओमान, कतर और कुवैत शामिल हैं। वित्त वर्ष 2022-23 में जीसीसी देशों के साथ भारत का कुल व्यापार 184.46 अरब अमरीकी डॉलर रहा। रियाद में जयशंकर के कई जीसीसी सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने की भी उम्मीद है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और जीसीसी के बीच गहरे और बहुआयामी संबंध हैं, जिनमें व्यापार और निवेश, ऊर्जा, सांस्कृतिक और लोगों के बीच आपसी संबंध शामिल हैं।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “जीसीसी क्षेत्र भारत के लिए एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार के रूप में उभरा है और यहां भारतीय प्रवासी समुदाय की आबादी लगभग 89 लाख है।” इसमें कहा गया, “विदेश मंत्रियों की बैठक भारत और जीसीसी के बीच विभिन्न क्षेत्रों में संस्थागत सहयोग की समीक्षा करने और उसे गहरा करने का अवसर होगी।” रियाद से जयशंकर 10 से 11 सितंबर तक दो दिवसीय यात्रा पर बर्लिन जाएंगे। यह बर्लिन की उनकी तीसरी द्विपक्षीय यात्रा होगी।
विदेश मंत्री की बर्लिन यात्रा अगले महीने जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज की भारत यात्रा के लिए आधार तैयार करेगी। विदेश मंत्रालय ने कहा, “विदेश मंत्री जर्मन संघीय विदेश मंत्री के साथ-साथ जर्मन सरकार के नेतृत्व और अन्य मंत्रियों से मुलाकात करेंगे, जिसका उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण आयाम की समीक्षा करना है।”
अपनी यात्रा के तीसरे और अंतिम चरण में जयशंकर 12 से 13 सितंबर तक जिनेवा का दौरा करेंगे।
विदेश मंत्रालय ने कहा, “विदेश मंत्री उन अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों और प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे जिनके साथ भारत सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ है।” जिनेवा में बड़ी संख्या में संयुक्त राष्ट्र निकायों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों का मुख्यालय है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि जयशंकर दोनों देशों के बीच घनिष्ठ साझेदारी की समीक्षा करने और द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ाने के अवसरों का पता लगाने के लिए वहां के विदेश मंत्री से भी मुलाकात करेंगे।