नयी दिल्ली, 22 जनवरी (भाषा) दिल्ली की एक अदालत आज यह तय कर सकती है कि दिवंगत कलाकार और पद्म पुरस्कार विजेता एम एफ हुसैन की दो पेंटिंग से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचने के आरोप वाली याचिका के बाद प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया जाए या नहीं।
न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी साहिल मोंगा ने 20 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी में एक आर्ट गैलरी में प्रदर्शित पेंटिंग को जब्त करने का आदेश दिया और दलीलें सुनने के बाद प्राथमिकी पर आदेश सुरक्षित रख लिया। पेंटिंग्स में हिंदू देवता हनुमान और गणेश हैं।
बुधवार को सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता और वकील अमित सचदेवा ने कहा कि हुसैन की पेंटिंग्स में सनातन धर्म के सबसे पूजनीय देवता हनुमान और गणेश का अपमान किया गया है।
उन्होंने तर्क दिया, ‘‘यह अश्लीलता है। सबसे पूजनीय देवताओं को अश्लील तरीके से चित्रित करना दुर्भावनापूर्ण और जानबूझकर किया गया अपमान है। हुसैन दुनिया के सबसे महान कलाकार हो सकते हैं, लेकिन उन्हें मेरे देवताओं का अपमान करने का कोई अधिकार नहीं है।’’
उन्होंने दावा किया कि एक विज्ञापन था और हजारों लोगों ने ‘देवताओं का उपहास’ करने वाली पेंटिंग देखी। सचदेवा ने कहा, ‘‘प्रथम दृष्टया मामला सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए ऐसी आपत्तिजनक पेंटिंग प्रदर्शित करने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का बनता है।’’
जब्ती का आदेश देते हुए मोंगा ने पुलिस की कार्रवाई रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि जांच अधिकारी ने आर्ट गैलरी के सुरक्षा कैमरे की फुटेज और नेटवर्क वीडियो रिकॉर्डर को जब्त कर लिया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कला प्रदर्शनी निजी तौर पर आयोजित की गई थी और दोनों पेंटिंग सहित सभी पेंटिंग केवल हुसैन के मूल काम को प्रदर्शित करने के लिए थीं।
गत 20 जनवरी के आदेश में कहा गया है, ‘‘इस स्तर पर शिकायतकर्ता द्वारा जांच अधिकारी को संबंधित पेंटिंग जब्त करने का निर्देश देने के लिए एक आवेदन दिया गया है। उक्त आवेदन में उल्लिखित तथ्यों और परिस्थितियों के मद्देनजर, उक्त आवेदन को स्वीकार किया जाता है और जांच अधिकारी को उक्त पेंटिंग जब्त करने का निर्देश दिया जाता है।’’
भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित हुसैन का 2011 में निधन हो गया था।
भाषा वैभव नरेश
नरेश