लोक सेवकों पर हमले के आरोपी व्यक्ति के खिलाफ 2015 में दर्ज प्राथमिकी रद्द

लोक सेवकों पर हमले के आरोपी व्यक्ति के खिलाफ 2015 में दर्ज प्राथमिकी रद्द

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  • Publish Date - January 2, 2025 / 10:42 PM IST,
    Updated On - January 2, 2025 / 10:42 PM IST

नयी दिल्ली, दो जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने ड्यूटी पर तैनात लोक सेवकों पर हमला करने के आरोप में एक व्यक्ति के खिलाफ 2015 में दर्ज प्राथमिकी को बृहस्पतिवार को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि कथित अपराध की जांच में शुरुआती चरण से ही कानूनी स्तर पर काफी लापरवाही बरती गई।

न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति एन कोटिस्वर सिंह की पीठ इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सितंबर 2023 के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता बीएन जॉन के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करने के वाराणसी के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के निर्देश के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी थी।

पीठ ने कहा, “हम संतुष्ट हैं कि याचिकाकर्ता मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, वाराणसी के समक्ष उसके खिलाफ लंबित आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने का मामला बनाने में सफल रहा है।”

पीठ ने कहा कि प्राथमिकी में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 353 (लोक सेवक को कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल प्रयोग) के तहत किसी विशिष्ट कृत्य का उल्लेख नहीं किया गया था और इसमें केवल यह कहा गया था कि जॉन और उसके सहयोगी ‘गड़बड़ी कर रहे थे।’

भाषा पारुल अविनाश

अविनाश