Delhi Election 2025: दिल्ली की मुख्यमंत्री के खिलाफ FIR, लगे ये गंभीर आरोप, नामांकन से ठीक पहले लगा बड़ा झटका

FIR against Delhi CM Atishi for violating model code of conduct

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  • Publish Date - January 14, 2025 / 10:46 AM IST,
    Updated On - January 14, 2025 / 01:46 PM IST

दिल्ली: FIR against Delhi CM Atishi देश की राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। इसी के साथ वहां नेताओं के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। वहीं निर्वाचन आयोग भी आचार संहिता उल्लंघन को लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है। इसी बीच अब मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ दिल्ली के गोविंदपुरी थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। आचार संहिता के उल्‍लंघन के आरोप में रिटर्निंग अफसर ने उनके खिलाफ यह मामला दर्ज कराया है।

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FIR against Delhi CM Atishi
मिली जानकारी के अनुसार आतिशी पर आरोप है कि उन्होंने चुनाव प्रचार के लिए सरकारी गाड़ियों का इस्तेमाल किया है। पुलिस को दी गई शिकायत में कहा गया है कि चुनाव के ऐलान के बाद 7 जनवरी को करीब 02:30 बजे PWD के सरकारी वाहन, निजी चुनाव कार्यालय पर चुनाव से जुड़े काम के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा। आतिशी की विधानसभा सीट कालकाजी के रहने वाले केएस दुग्गल ने गोविंदपुरी SHO को भी शिकायत दी. फिलहाल अब इस FIR के बाद सियासत गर्म होने के आसार है।

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5 फरवरी को वोटिंग

दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर एक चरण में 5 फरवरी को मतदान होगा, जबकि 8 फरवरी को नतीजे आएंगे। सत्तारूढ़ AAP ने 2015 और 2020 के चुनावों में 67 और 62 सीटों के साथ जीत हासिल की और राजधानी में हैट्रिक बनाने का लक्ष्य रखा है। चुनाव आयोग के मुताबिक, दिल्ली के चुनाव में इस बार कुल 1.55 करोड़ से ज्यादा वोटर्स हैं। जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 83,49,645 महिला वोटर्स की संख्या 71,73,952 है। वहीं, थर्ड जेंडर की संख्या 1,261 है।

मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का आरोप क्या है?

मुख्यमंत्री आतिशी पर आरोप है कि उन्होंने चुनाव प्रचार के लिए सरकारी गाड़ियों का इस्तेमाल किया, जो कि आचार संहिता का उल्लंघन है। इसके चलते उनके खिलाफ गोविंदपुरी थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।

चुनाव प्रचार के दौरान सरकारी गाड़ियों का इस्तेमाल क्यों नहीं किया जा सकता?

चुनाव प्रचार के दौरान सरकारी गाड़ियों का इस्तेमाल आचार संहिता का उल्लंघन माना जाता है, क्योंकि यह सरकारी संसाधनों का निजी लाभ के लिए उपयोग करना है, जो चुनावी निष्पक्षता को प्रभावित कर सकता है।

इस मामले में क्या कार्रवाई की गई है?

इस मामले में रिटर्निंग अफसर ने शिकायत के बाद कार्रवाई की और दिल्ली पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। कालकाजी पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज किया है और जांच शुरू कर दी है।

इस एफआईआर के बाद दिल्ली में क्या सियासी हलचल हुई है?

एफआईआर दर्ज होने के बाद दिल्ली में सियासी हलचल तेज हो गई है। यह मामला सत्तारूढ़ पार्टी और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का कारण बन गया है, जिससे चुनावी माहौल और भी गर्म हो गया है।

इस प्रकार के आचार संहिता उल्लंघन पर क्या सजा हो सकती है?

आचार संहिता उल्लंघन के मामले में संबंधित व्यक्ति पर जुर्माना या चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने से रोकने जैसी कार्रवाई हो सकती है, इसके अलावा कानूनी प्रक्रिया भी शुरू की जा सकती है।