चेहरे के साथ महिलाओं के प्राइवेट पार्ट के फोटो भी जरुरी, इस सरकारी योजना के प्रावधानों पर हो रहा विवाद

women's private parts photos for CMAHIS : इन फोटोज को पोर्टल पर अपलोड करता है। क्लेम पास होने तक ये फोटो कई ठेका कर्मियों से होकर गुजरती है। इन फोटो के वायरल होने का भी डर है। यह महिलाओं की निजता का उल्लंघन है।

  •  
  • Publish Date - July 7, 2024 / 04:01 PM IST,
    Updated On - July 7, 2024 / 04:01 PM IST

Ayushman Health Insurance Scheme: राजस्थान सरकार की मुख्यमंत्री आयुष्मान स्वास्थ्य बीमा योजना इन दिनों जमकर चर्चा में है। अब इस योजना पर सवाल उठने लगे हैं। दरअसल, इस योजना से जो भी महिला या व्यक्ति इलाज करवाता है उसकी फोटो ली जाती है, जिनमें उनके प्राइवेट पार्ट के भी फोटो शामिल हैं। इन तस्वीरों के वायरल होने का डर अब महिलाओं को खौफ में डाल रहा है।

राजस्थान में मुख्यमंत्री आयुष्मान स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत सरकारी अस्पतालों में या निजी अस्पतालों में इलाज कराने वालों के लिए बहुत ही हैरान करने वाली खबर है। दरअसल, ऑपरेशन के दौरान मरीज के चेहरे के साथ उन अंगों की फोटो भी ली जा रही है, जिनका ऑपरेशन किया जाता है। हद तो यह भी है कि महिलाओं के प्राइवेट पार्ट के फोटो भी लिए जाते हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है कि मरीज के चेहरे और ऑपरेशन किए जाने वाले अंग की फोटो इंश्योरेंस एजेंसी को भेजनी होती है। इन दस्तावेजों को अपलोड करने पर ही इंश्योरेंस कंपनी क्लेम जारी करती है। फोटो अपलोड नहीं करने पर क्लेम खारिज कर दिए जाते हैं।

फोटो वायरल होने का डर और निजता का उल्लंघन

आयुष्मान योजना के तहत बड़ी संख्या में महिलाएं ब्रेस्ट, हिप्स और आंतरिक अंगों से जुड़ी बीमारियों का इलाज और ऑपरेशन कराती हैं। 5 लाख रुपए के मुफ्त इलाज वाली इस योजना के क्लेम के लिए अस्पतालों में मरीज के चेहरे और उन अंगों को फोटो ली जाती है जिनका ऑपरेशन होना है। फोटो लेने का काम डॉक्टर खुद नहीं करते बल्कि नॉन क्लीनिकल व्यक्ति यानी ठेका कर्मी ऑपरेशन थिएटर में जाता है और अपने मोबाइल से फोटो लेता है। बाद में वह फोटो टीपीए पर कार्य करने वाले कर्मचारी को भेजता है जो कि इन फोटोज को पोर्टल पर अपलोड करता है। क्लेम पास होने तक ये फोटो कई ठेका कर्मियों से होकर गुजरती है। इन फोटो के वायरल होने का भी डर है। यह महिलाओं की निजता का उल्लंघन है।

प्राइवेट पार्ट के फोटो भी किए गए अपलोड

आयुष्मान योजना के तहत महिलाओं के प्राइवेट पार्ट की सर्जरी भी होती है। चेहरे के साथ प्राइवेट पार्ट की फोटो भी ली जाती है। डॉक्टरों की मानें तो जरूरी दस्तावेजों में इस तरह की कोई शर्त नहीं है लेकिन इसके अभाव में क्लेम खारिज कर दिया जाता है। इंट्रा ऑपरेटिव फोटो विद फेस की शर्त पहले केवल निजी अस्पतालों के लिए थी। इंश्योरेंस कंपनियों ने अब इसे सरकारी अस्पतालों के लिए भी लागू कर दिया है।

शिकायतों में नहीं हो रहा एक्शन

डॉक्टरों की माने तो इंट्रा ऑपरेटिव फोटो चेहरे के साथ मांगना गलत है। कई यूनिट हेड ने इस संबंध में लिखित में आपत्ति दर्ज कराई है। प्राप्त शिकायतें राज्य सरकार को भेजी गई है। फैसला सरकार को लेना है क्योंकि पॉर्टल पर फोटो अपलोड करने का काम स्टेट हेल्थ इंश्योरेंस की ओर से किया जाता है। राजस्थान स्टेट हेल्थ इंश्योरेंस जयपुर के डिप्टी डायरेक्टर के अनुसार आयुष्मान योजना के तहत राज्य सरकार की पॉलिसी बनी हुई है। उसी के अनुसार कार्य हो रहा है। इसमें कोई एक व्यक्ति या अधिकारी कुछ नहीं कर सकता है।

READ MORE: Mohammed Shami Retirement: Word Cup में गदर मचाने वाले टीम इंडिया के घातक गेंदबाज ने लिया संन्यास का फैसला! इस दिन खेलेंगे आखिरी मैच

READ MORE:  श्रीलंका के राष्ट्रपति ने इस साल सरकारी कर्मचारियों के वेतन में एक और वृद्धि करने से किया इनकार