Fear of getting caught in lockdown.नई दिल्ली। कोरोना बढ़ते ही प्रवासी मजदूरों में एक बार फिर से लॉकडाउन का भय सताने लगा है। दिल्ली और अन्य राज्यों में कोरोना के बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए लोग अब अपने-अपने गांव लौटने लगे हैं। उनके पलायन कर घर की ओर जाने के पीछे कोरोना के साथ लॉकडाउन का खौफ है। लॉकडाउन के बीच परेशानी में फंस जाएं, इसलिए पहले से ही पूरी तरह तैयारी कर घर निकल लिए हैं।
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Fear of getting caught in lockdown. लौटने वालों ने सिर्फ एक लाइन में कहा कि कोरोना के बढ़ते आंकड़े अब डराने लगे हैं। हर दिन कोरोना की रफ्तार और तेजी से बढ़ रही है। लॉकडाउन में फंसने से अच्छा है अपने घर में रहेंगे। कोरोना के बढ़ते आंकड़ों और लॉकडाउन की आशंका के मद्देनजर प्रवासी अपने गांव लौटना शुरू कर चुके हैं।
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दिल्ली में तो शुक्रवार की शाम से दो दिन का लॉकडाउन लगाया गया। प्रवासी रेल और बसों के माध्यम से अपने घर पहुंच कर कोरोना का सामना करने का मन बना रहे हैं। पुणे में यूनाइटेड फिल्टर प्राइवेट लिमिटेड में मजदूरी करने वाले निक्की ठाकुर लॉकडाउन के डर से घर लौट आए। मुजफ्फरपुर के रहने वाले इंजीनियर पीयूष मिश्रा वैसे तो छुट्टी लेकर लौटे हैं, लेकिन उन्होंने बताया कि बढ़ते कोरोना के मामलों और लॉकडाउन के खतरे के कारण प्रवासी लौटने लगे हैं।
हालांकि अभी उनकी संख्या कम है। यदि कोरोना की रफ्तार ऐसी ही रही तो दो से चार दिनों के भीतर लौटने वालों की संख्या काफी बढ़ जाएगी। एक रेल यात्री ने बताया कि डर के मारे चले आए हैं। कोरोना की रफ्तार तीसरी लहर में काफी खतरनाक है। संक्रमण का आंकड़ा पूरी रफ्तार से तेज होती जा रही है। ऐसे में रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर प्रवासियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है। सिर पर सामान का बोझ रखे और हाथ में बेटे, पत्नी या फिर मां का हाथ पकड़े प्रवासी वापस अपने घर लौटने लगे हैं।
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