उत्तराखंड। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ धाम के मुख्य पड़ाव गौरीकुंड में पहाड़ी चट्टान खिसकने से बड़ा हादसा हुआ है। घटना बुधवार देर रात की बताई जा रही । प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार गौरीकुण्ड से मध्य रात्रि जनपद रुद्रप्रयाग में गौरीकुंड बस स्टैंड डाट पुलिया के पास भूस्खलन होने के कारण मंदाकिनी नदी में तीन दुकानें बह गईं। हादसे में 19 लोगों की मौत की आशंका है, जिसमें से कुछ नेपाली मूल के भी होने की आशंका है।
रात करीब 12.15 बजे हुआ भूस्खलन
एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। घटना डाट पुलिया पर गुरुवार और शुक्रवार की दरमियानी रात करीब 12.15 बजे हुई। रुद्रप्रयाग जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी (डीडीएमओ) नंदन सिंह रजवार ने कहा, ‘गौरीकुंड के पास भूस्खलन की वजह से तीन दुकानों के नदी में बहने से 19 लोग लापता हो गए हैं।’ उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), पुलिस और जिला प्रशासन के कर्मी बचाव और खोज अभियान चला रहे हैं। राजवार ने कहा कि लापता लोगों का तीर्थयात्री नहीं, बल्कि दुकानदार होने का शक है।
प्रशासन ने 19 लोगों की जारी की सूची
इसी बीच, रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने 19 लोगों की सूची जारी की है, जिनके नदी में बहने की आशंका है। इनकी पहचान जनाई निवासी आशु (23), तिलवाड़ा निवासी प्रियांशु चमोली (18), बस्ती निवासी रणबीर सिंह (28), खानवा भरतपुर निवासी विनोद (26), मुलायम (26) के रूप में हुई है। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के निवासी, और नेपाली परिवार के सात सदस्य – अमर बोहरा (29), पत्नी अनीता बोहरा (26), और पांच बच्चे राधिका बोहरा (14), पिंकी बोहरा (8), पृथ्वी (7), जटिल ( 6), वकील (3), वीर बहादुर, सुमित्रा, निशा, धर्मराज, चंद्रकामी, और सुखराम रावत के तौर पर हुई है।
एसडीआरएफ अधिकारियों ने कहा कि भूस्खलन की सूचना के बाद उनकी टीम मौके पर पहुंची और बचाव एवं खोज अभियान शुरू कर दिया, लेकिन लगातार बारिश और बोल्डर गिरने के कारण इसे रोकना पड़ा। एसडीआरएफ की मीडिया प्रभारी ललिता नेगी ने कहा, ‘शुक्रवार सुबह, हमने लापता व्यक्तियों की तलाश के लिए ऑपरेशन फिर से शुरू किया।’ उन्होंने कहा कि उनकी एक टीम कुंड बैराज पर भी तलाशी अभियान चला रही है, जो घटनास्थल से दो किमी नीचे की ओर है।
सीएम धामी ने लिया जायजा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी गौरीकुंड हादसे का जायजा लेने देहरादून स्थित आपदा नियंत्रण कक्ष पहुंचे। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को गौरीकुंड में चल रहे राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने और प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने राज्य की प्रमुख नदियों के जलस्तर की भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि बाढ़ संभावित इलाकों में अलर्ट जारी किया जाना चाहिए और वहां रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाना चाहिए।
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