नयी दिल्ली, 29 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल द्वारा चिकित्सा सहायता लेने और 14 फरवरी को चंडीगढ़ में केंद्र के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में शामिल होने की इच्छा व्यक्त करने का बुधवार को न्यायिक संज्ञान लिया।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने के बाद 2021 में प्रदर्शनकारी किसानों को फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी समेत प्रस्ताव के कार्यान्वयन के लिए केंद्र को निर्देश देने के अनुरोध संबंधी याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने याचिकाकर्ता गुणीन्दर कौर गिल से कहा कि डल्लेवाल ने 28 जनवरी को मीडिया को एक साक्षात्कार दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह चिकित्सा सहायता ले रहे हैं और उन्होंने 14 फरवरी को होने वाली बैठक में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की है।
उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति पर भी भरोसा जताया है और उम्मीद है कि निर्धारित बैठक से कुछ समाधान निकलेगा।’’
अदालत ने कहा कि वह किसी भी भ्रम से बचने के लिए चंडीगढ़ में बैठक होने तक मामले की सुनवाई नहीं करना चाहती।
पीठ ने सुनवाई 14 फरवरी के बाद निर्धारित की।
गिल ने कहा कि सरकार ने 2021 में प्रस्ताव को लागू करने पर सहमति जताई थी लेकिन अब वह पीछे हट गई है।
पीठ ने याचिकाकर्ता से धैर्य रखने को कहा और यह भी कहा कि आवश्यकता पड़ने पर वह आदेश पारित करेगी।
पीठ ने कहा, ‘‘पहले उन्हें बातचीत करने दीजिए।’’
उच्चतम न्यायालय ने पंजाब सरकार के अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई पर 22 जनवरी को इस बात का संज्ञान लेते हुए रोक लगा दी थी कि केंद्र सरकार पर फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत अन्य मांगों को मानने का दबाव बनाने के वास्ते भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेता डल्लेवाल अपना अनशन तोड़े बिना चिकित्सा सहायता ले रहे हैं।
दो जनवरी को गिल की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने केंद्र से पूछा था कि वह यह क्यों नहीं कह सकता कि उसके दरवाजे खुले हैं और वह फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों की वास्तविक शिकायतों पर विचार करेगा।
इसने केंद्र को कोई औपचारिक नोटिस जारी किए बिना नई याचिका पर जवाब देने को कहा था।
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के संयोजक डल्लेवाल ने पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी बॉर्डर पर 26 नवंबर, 2024 को अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की थी।
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान 13 फरवरी, 2024 से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए हैं।
भाषा
देवेंद्र वैभव
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