चंडीगढ़, 19 दिसंबर (भाषा) खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर बैठे पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल बृहस्पतिवार को आठ से दस मिनट के लिए बेहोश हो गये। चिकित्सकों ने उनकी हालत गंभीर बताई है।
चिकित्सकों ने कहा, ‘‘उनकी जान खतरे में है।’’
डल्लेवाल का आमरण अनशन बृहस्पतिवार को 24वें दिन में प्रवेश कर गया। खनौरी बॉर्डर पर धरनास्थल पर उनका इलाज कर रहे चिकित्सकों ने कहा कि डल्लेवाल को हृदयाघात होने का खतरा है।
उन्होंने कहा कि डल्लेवाल के कई अंगों के काम करना बंद होने का भी खतरा है।
डल्लेवाल (70) पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी बॉर्डर पर 26 नवंबर से अनशन पर हैं ताकि केंद्र पर फसलों के एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की कानूनी गारंटी सहित आंदोलनकारी किसानों की मांगों को स्वीकार करने के लिए दबाव बनाया जा सके।
चिकित्सकों ने खनौरी बॉर्डर पर पत्रकारों से कहा कि डल्लेवाल ने पिछले 24 दिन से कुछ नहीं खाया है। उन्होंने कहा, ‘‘इस वजह से उनकी हालत गंभीर है और उन्हें हृदयाघात होने और कई अंगों के काम करना बंद होने का खतरा है।’’
चिकित्सक अभिराज ने कहा, ‘‘हम हर दिन उनकी निगरानी कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आज उनका रक्तचाप कम हो गया। हमने उनके पैरों की मालिश की। लेकिन उनकी स्थिति बहुत नाजुक है। अभी उनकी जान खतरे में है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी समय कुछ भी हो सकता है।’’
उन्होंने कहा कि अभी कीटोन का स्तर बहुत अधिक है।
किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि डल्लेवाल की हालत खराब हो गई है। उन्होंने कहा, ‘‘जब वह नहाने के लिए वाशरूम गए और बाहर आए तो उनकी हालत बिगड़ गई। उन्हें चक्कर आने लगा, वह गिर पड़े, उल्टी हुई और लगभग 8-10 मिनट तक बेहोश रहे।’’
कोहाड़ ने बताया कि चिकित्सकों ने उनकी मालिश की और उनके प्रयासों से उनका रक्तचाप बढ़ गया, लेकिन उनकी स्थिति गंभीर है।
उन्होंने बताया कि डल्लेवाल अपराह्न लगभग 2:20 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए उच्चतम न्यायालय में सुनवाई में शामिल हुए। वह लगभग 12-15 मिनट तक जुड़े रहे, लेकिन बीच-बीच में उनका फोन कटता रहा।
उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार का डल्लेवाल की स्वास्थ्य स्थिति का भी संज्ञान लिया था और पंजाब सरकार को बिना देरी किए चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने को कहा था।
कोहाड़ ने डल्लेवाल की बात का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘हम आपके ध्यान में यह भी लाना चाहते हैं कि जिन मुद्दों पर हम आंदोलन कर रहे हैं, वे सिर्फ हमारी मांगें नहीं हैं, बल्कि विभिन्न सरकारों द्वारा हमसे किए गए वादे हैं।’’
इस बीच, खनौरी बॉर्डर पर राजनीतिक नेताओं का डल्लेवाल का हालचाल जानने के लिए पहुंचना जारी रहा।
अकाली नेता बलविंदर सिंह भूंदड़ ने केंद्र से किसानों की मांगों को स्वीकार करने को कहा।
शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के नेता सिमरनजीत सिंह मान ने भी डल्लेवाल के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली।
इस बीच, हरियाणा के कई खाप नेताओं ने शंभू और खनौरी बॉर्डर पर जारी किसानों के आंदोलन के मद्देनजर बृहस्पतिवार को यहां एक बैठक की।
सातरोड़ खाप के नेता सतीश कुमार ने केंद्र से प्रदर्शनकारी किसानों के साथ बातचीत शुरू करने का आग्रह किया ताकि उनके मुद्दों को हल किया जा सके।
उन्होंने हाल में हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों द्वारा पैदल दिल्ली की ओर मार्च करने की कोशिश कर रहे किसानों पर आंसू गैस के गोले दागने की निंदा की।
उन्होंने मांग की कि उन्हें राष्ट्रीय राजधानी की ओर जाने की अनुमति दी जानी चाहिए।
कुमार ने कहा, ‘‘किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है।’’
उन्होंने कहा कि अगली कार्रवाई और रणनीति पर निर्णय लेने के लिए 29 दिसंबर को हिसार में एक महापंचायत की जाएगी।
उन्होंने सभी किसान संगठनों और खापों से महापंचायत में शामिल होने की अपील की।
खाप नेताओं ने एमएसपी के मुद्दे पर किसान संगठनों के बीच एकजुटता का भी आह्वान किया।
इस बीच, कांग्रेस नेता एवं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार को किसानों के मुद्दे का संज्ञान लेना चाहिए और इसका जल्द से जल्द समाधान करना चाहिए।
भाषा
देवेंद्र नेत्रपाल
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