नई दिल्ली । नरेंद्र मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था में नगदी लेनदेन को कम करने और डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना बनाई है। नए नियम के अंतर्गत ज्यादा नगदी जमा करने या निकासी पर PAN नंबर के साथ आधार पहचान कराना आवश्यक होगा। आधार वेरिफिकेशन के लिए सरकार बायोमेट्रिक इंस्ट्रूमेंट या फिर एक बार उपयोग किए जाने वाला पासवर्ड (ओटीपी) का ऑप्शन दे सकती है।
ये भी पढ़ें- आरक्षण को लेकर सरकार का बड़ा फैसला!, इन कर्मचारियों को मिलेगा 2 प्र…
केंद्र सरकार ने वित्तीय विधेयक में कुछ संशोधन किए हैं। इसके मुताबिक, निर्धारित सीमा से ज्यादा फॉरेन एक्सचेंज जैसे कई हाई वैल्यू ट्रांजैक्शन के लिए अभी तक PAN की जरूरत थी। लेकिन अब अगर आप बहुत ज्यादा नगदी जमा करते हैं तो अब सिर्फ पैन या आधार की कॉपी से बात नहीं बनेगी। अभी आधार वेरिफिकेशन अनिवार्य बनाने के लिए जमा-निकासी की सीमा तय करने पर विचार हो रहा है, लेकिन यह 20 से 25 लाख रुपये के बीच हो सकती है।
ये भी पढ़ें- एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की डेट फिक्स नहीं, सीएम कमलनाथ न…
जानकारी के मुताबिक सरकार के इस कदम का उद्देश्य छोटे ट्रांजैक्शन करने वालों को किसी परेशानी पैदा किए बिना बड़े ट्रांजैक्शन वालों का पता लगाना है। दरअसल अभी बड़े लेनदेन के लिए पैन नंबर देना अनिवार्य है, लेकिन एक सीमा तय होने के बाद पैन नंबर के साथ आधार का वेरिफिकेशन भी कराना होगा।
ये भी पढ़ें- किसानों की सहूलियत के लिए किए जाएंगे कई बदलाव, राजस्व मंत्री ने सदन…
जानकारी के मुताबिक, नकद जमा-निकासी के अलावा एक निश्चित मूल्य से ज्यादा की संपत्ति के लेनदेन में भी आधार वेरिफिकेशन को अनिवार्य किया जा सकता है । सूत्रों के मुताबिककि अभी कई जमाकर्ता फर्जी पैन नंबर का इस्तेमाल करते हैं। इससे उनके लेनदेन को ट्रैक नहीं किया जा सकता है। इस समस्या से निपटने के लिए आधार वेरिफिकेशन को अनिवार्य किया जा सकता है। जानकारों के मुताबिक इस प्रक्रिया से फर्जीवाड़े को रोकने में मदद मिलेगी।
<iframe width=”560″ height=”315″ src=”https://www.youtube.com/embed/hW2Kaoq9OfQ” frameborder=”0″ allow=”accelerometer; autoplay; encrypted-media; gyroscope; picture-in-picture” allowfullscreen></iframe>