सेवा विस्तार से उन लोगों को नुकसान होगा जो कतार में हैं : उपराष्ट्रपति धनखड़

सेवा विस्तार से उन लोगों को नुकसान होगा जो कतार में हैं : उपराष्ट्रपति धनखड़

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  • Publish Date - January 11, 2025 / 07:29 PM IST,
    Updated On - January 11, 2025 / 07:29 PM IST

(तस्वीर के साथ)

बेंगलुरू, 11 जनवरी (भाषा) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को कहा कि सेवा में विस्तार या किसी विशेष पद के लिए किसी भी रूप में विस्तार उन लोगों के लिए झटका होता है जो कतार में हैं।

धनखड़ ने यहां राज्य लोक सेवा आयोगों के अध्यक्षों के 25वें राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए यह बात कही।

उनके अनुसार, सेवा विस्तार से यह संकेत मिलता है कि कुछ व्यक्ति अपरिहार्य हैं।

धनखड़ ने कहा, ‘‘अपरिहार्यता एक मिथक है। इस देश में प्रतिभाओं की भरमार है। कोई भी अपरिहार्य नहीं है। इसलिए, यह राज्य और केंद्र स्तर पर लोक सेवा आयोगों के अधिकार क्षेत्र में है कि जब ऐसी परिस्थितियों में उनकी भूमिका हो, तो उन्हें दृढ़ रहना चाहिए।’’

उन्होंने यह भी कहा कि लोक सेवा आयोगों की नियुक्तियां संरक्षण या पक्षपात से प्रेरित नहीं हो सकतीं। धनखड़ ने कहा, ‘‘हमारे पास लोक सेवा आयोग का ऐसा अध्यक्ष या सदस्य नहीं हो सकता, जो किसी खास विचारधारा या व्यक्ति से जुड़ा हो। ऐसा होना संविधान के ढांचे के सार और भावना को नष्ट कर देगा।’’

उपराष्ट्रपति ने सेवानिवृत्ति के बाद की भर्ती पर भी नाराजगी जताई और कहा कि यह संविधान के निर्माताओं द्वारा कल्पना की गई बातों के विपरीत है।

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ राज्यों में, इसे परिपाटी बना दिया गया है। कर्मचारी कभी सेवानिवृत्त नहीं होते, खासकर उच्च पदस्थ सेवाओं में। यह अच्छा नहीं है। देश में हर किसी को हक मिलना चाहिए और वह हक कानून द्वारा परिभाषित किया गया है।’’

उपराष्ट्रपति ने कहा कि यदि प्रश्नपत्र लीक होते हैं तो चयन की निष्पक्षता का कोई मतलब नहीं रह जाता। उन्होंने कहा, ‘‘प्रश्नपत्र लीक एक उद्योग बन गया है, एक तरह का व्यापार। यह एक ऐसी बुराई है जिस पर अंकुश लगाया जाना चाहिए।’’

भाषा शफीक धीरज

धीरज