एक साल बढ़ाई गई सांसद अमृतपाल की हिरासत, अकाली दल ने बताया संविधान का उल्लंघन |

एक साल बढ़ाई गई सांसद अमृतपाल की हिरासत, अकाली दल ने बताया संविधान का उल्लंघन

Extending Amritpal's detention for one year : अमृतपाल की हिरासत एक साल के लिए बढ़ाना संविधान का उल्लंघन है: सुखबीर

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Modified Date: June 21, 2024 / 12:12 AM IST
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Published Date: June 20, 2024 11:24 pm IST

चंडीगढ़। Extending Amritpal’s detention for one year शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने खडूर साहिब से सांसद चुने गए अमृतपाल सिंह की हिरासत एक साल के लिए बढ़ाए जाने का बृहस्पतिवार को विरोध किया और पंजाब सरकार के कदम को ‘‘संविधान तथा मूलभूत मानवाधिकारों एवं नागरिक अधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन’’ बताया। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल की हिरासत 23 अप्रैल, 2024 से एक साल के लिए बढ़ा दी गई है।

‘वारिस पंजाब दे’ नामक संगठन का प्रमुख अमृतपाल रासुका के तहत अन्य नौ साथियों के साथ असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। बादल ने बृहस्पतिवार को एक बयान में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पर सिख और पंजाब के मुद्दों पर ‘‘दिल्ली के इशारे पर नाचने’’ का आरोप लगाया।

बादल ने आरोप लगाया, ‘‘पंजाब सरकार के रिकॉर्ड स्पष्टत: बताते हैं कि इस मामले में एनएसए को बढ़ाने का फैसला भगवंत मान का है। उनका पंजाब विरोधी एवं सिख विरोधी चेहरा अब पूरी तरह बेनकाब हो गया है।’’ उन्होंने कहा कि शिअद ‘‘राज्य में शांति एवं सांप्रदायिक सौहार्द के माहौल के लिए पूरी तरह कटिबद्ध है और वह उसे बरकरार रखने के लिए बढ़-चढ़कर प्रयास करता रहेगा।’’

बादल ने कहा कि शांति एवं सांप्रदायिक सद्भाव के बगैर प्रगति और समृद्धि नहीं हो सकती और उनकी पार्टी इस संबंध में अपनी जिम्मेदारी से नहीं हटेगी। उन्होंने कहा, ‘‘साथ ही, हम समान रूप से रासुका और यूएपीए जैसे दमनकारी काले कानूनों के पूरी तरह खिलाफ हैं।’’

अमृतपाल सिंह के साथ अपनी पार्टी के राजनीतिक एवं वैचारिक मतभेद से ऊपर उठते हुए बादल ने कहा कि इस मामले में रासुका बढ़ाने का फैसला ‘‘संविधान तथा मूल मानवाधिकारों एवं नागरिक अधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन’’ है। उन्होंने कहा, ‘‘अमृतपाल के साथ हमारे विचाधारा संबंधी मतभेद के बाद भी हम उसके या किसी अन्य के खिलाफ दमन और अन्याय का विरोध करेंगे, भले ही हमें उसकी कोई भी राजनीतिक कीमत चुकानी पड़े।’’

बादल ने हाल में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान लोगों से यह मूल्यांकन करने की अपील की थी कि अमृतपाल को कहीं ‘‘केंद्रीय एजेंसियों द्वारा तो खड़ा नहीं किया गया है।’’ इस बीच, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने भी अमृतपाल की हिरासत अवधि बढ़ाए जाने की निंदा की है। एसजीपीसी प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने बयान जारी कर कहा, ‘‘अमृतपाल सिंह को पंजाब की जनता ने भारी मतों से खडूर साहिब संसदीय क्षेत्र से सांसद चुना था।

लेकिन आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार और भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने अमृतपाल के खिलाफ रासुका बढ़ाने का बेहद निंदनीय कदम उठाया है, जो मानवाधिकारों के मद्देनजर उचित नहीं है और यह पंजाब के लोगों की भावनाओं का अनादर है।’’ अमृतपाल ने खडूर साहिब लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ा था और उसने कांग्रेस प्रत्याशी कुलबीर सिंह जीरा को 1,97,120 मतों से हराकर चुनाव जीता था।

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