UP Exit Poll: नई दिल्ली। पांच राज्यों में चुनाव खत्म हो गए हैं। चुनाव के बाद अब एग्जिट पोल के अनुमान बता रहे हैं कि मोदी-योगी की जोड़ी के आगे विपक्ष के सारे सियासी समीकरण ध्वस्त हो रहे हैं। यूपी विधानसभा चुनाव के नतीजे भले ही 10 मार्च को आएं, लेकिन एग्जिट पोल के मुताबिक बीजेपी प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करती नजर आ रही है।
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UP Exit Poll: एग्जिट पोल के आंकड़े ये संकेत दे रहे हैं कि ब्रांड मोदी के साथ इस बार योगी फैक्टर ने यूपी में बीजेपी का परचम लहराने में जमकर मदद की। लखनऊ से सीएम योगी ने हिंदुत्व के एजेंडे को धार दिया तो दिल्ली से पीएम मोदी ने विकास को रफ्तार दिया। मोदी-योगी की जोड़ी वाली डबल इंजन की सरकार का लगातार विकास की बातें करना जनता में भरोसा जगा गया। इस तरह मोदी-योगी के सियासी जादू के आगे विपक्षी दलों के नेताओं की एक नहीं चली और चुनावी पिच पर धराशायी होने के हालात बन गए। हालांकि मतगणना में अंतिम नतीजे कैसे आते हैं सबकुछ उसपर निर्भर करेगा।
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बता दें कि पांच साल पहले 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने मोदी के चेहरे को आगे कर दो तिहाई बहुमत के साथ 15 साल बाद सत्ता में वापसी की थी। और मुख्यमंत्री का ताज योगी आदित्यनाथ के सिर सजा था। योगी ने अपने पांच साल के कार्यकाल में अपनी एक मजबूत नेता के तौर पर छवि बनाई है, जिसके चलते पार्टी 2022 में योगी के काम और मोदी के नाम पर चुनावी मैदान में उतरी थी। एग्जिट पोल के आंकड़ों को मानें तो मोदी-योगी को आगे कर चुनाव लड़ने का दांव बीजेपी के लिए सफल रहा।
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माय इंडिया एग्जिट पोल के मुताबिक बीजेपी को 46 फीसदी वोटों के साथ 288 से 326 सीटें मिलती दिख रही हैं। वहीं, सपा 36 फीसदी वोटों के साथ 71 से 101 सीटों पर जीत दर्ज करती दिख रही है। जबकि बसपा और कांग्रेस का सफाया होता नजर आ रहा है। एग्जिट पोल के यही आंकड़े अगर 10 मार्च को चुनावी नतीजों में तब्दील होते हैं तो बीजेपी सूबे में कई सियासी इतिहास रच देगी।
दरअसल, यूपी में कोई भी सीएम आजादी के बाद से पांच साल का कार्यकाल समाप्त कर लगातार दूसरी बार सत्ता के सिंहासन पर काबिज नहीं हो सका है। एग्जिट पोल के आंकड़े अगर नतीजे में बदलते हैं तो सीएम योगी ऐसा करने वाले सूबे के पहले मुख्यमंत्री हो सकते हैं। इतना ही नहीं 1985 के बाद 37 वर्षों में यह पहली बार होगा कि कोई पार्टी लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए वापसी करेगी। यूपी की सियासत में बीजेपी ये सियासी करिश्मा पीएम मोदी और अमित शाह के साथ-साथ सीएम योगी की मजबूत जुगलबंदी को उतारकर करती दिख रही है।
उत्तर प्रदेश चुनावों में कभी कानून-व्यवस्था एक बड़ा मुद्दा रहा है, जिससे जनता, व्यापारी और अधिकारी सभी त्रस्त थे। ऐसे में योगी राज के पांच साल में सबसे ज्यादा जोर कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए दी गई। योगी सरकार में माफियाओं और गुंडों को निशाना बनाया गया, जिसके चलते गुंडागर्दी पर नकेल कसी गई। बुलडोजर तो सिंबल की तरह इस्तेमाल होने लगा, जो योगी राज में माफिया और अपराधियों के घर पर चला। योगी सरकार के पांच साल के कार्यकाल में सूबे के लोगों में एक धारणा बनी है कि कानून का राज है।