चंडीगढ़, आठ दिसंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीन नये आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन को देखने के लिए इस महीने की शुरूआत में यहां जिस प्रदर्शनी में शरीक हुए थे उसे अगले साल प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ मेले में भी लगाया जा सकता है।
महाकुंभ में करीब 40 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है।
चंडीगढ़ में आयोजित प्रदर्शनी में नये कानूनों के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी देने वाली कई ‘डिस्प्ले’ लगाई गई हैं।
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस प्रक्रियाओं को आम जनता के लिए सरल बनाने के वास्ते ‘डिस्प्ले’ के उपयोग की अवधारणा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की निगरानी में तैयार की गई थी।
उन्होंने बताया कि परियोजना को अंतिम रूप दिए जाने से पहले गृह मंत्री ने व्यक्तिगत रूप से अवधारणा और ‘सेटअप’ के क्रियान्वयन पर कम से कम तीन प्रस्तुतियों की समीक्षा की।
चंडीगढ़ की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कंवरदीप कौर को प्रदर्शनी का अवलोकन करने का जिम्मा सौंपा गया था, जिस दौरान उन्होंने बताया कि पुलिस किस तरह से केंद्र शासित प्रदेश में बदलावों को लागू कर रही है।
तीन दिसंबर को प्रदर्शनी देखने के बाद मोदी ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि इसे आम लोगों के लिए खुला रखा जाए।
नये कानून – भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम – एक जुलाई को लागू हुए, जिन्होंने ब्रिटिशकालीन भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली।
चंडीगढ़ तीन नये कानूनों का शत-प्रतिशत कार्यान्वयन करने वाली देश की पहली प्रशासनिक इकाई है।
अधिकारियों के अनुसार, पीईसी कॉलेज में प्रदर्शनी के आम लोगों के लिए खुलने के बाद से हर दिन करीब 250 से 300 लोग इसे देखने आते हैं।
चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक एसएस यादव ने कहा कि कुंभ मेले और अन्य बड़े पैमाने पर होने वाले समारोहों में भी इसी तरह की थीम वाली प्रदर्शनी लगाने की योजना है।
उन्होंने कहा, ‘‘कुंभ मेला पूरे उपमहाद्वीप के लिए एक बड़ा आयोजन है, इसलिए इसमें बड़ी संख्या में लोगों के शामिल होने के कारण, कानून प्रवर्तन एजेंसी के रूप में हमारा यह कर्तव्य है कि हम इन तीन कानूनों के बारे में जागरूकता बढ़ाएं, जो हमारी भारतीयता, भारतीय संस्कृति और एक विकसित देश के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।’’
महाकुंभ हर 12 साल पर आयोजित किया जाता है। अगला आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक होगा।
भाषा सुभाष नरेश
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