नयी दिल्ली, 11 दिसंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दी गई जमानत के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका पर सुनवाई की तारीख बुधवार को 17 जनवरी 2025 तय की।
ईडी के वकील ने न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू की अनुपलब्धता के कारण मामले की सुनवाई स्थगित करने का आग्रह किया।
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने मामले की ‘अत्यंत तात्कालिकता’ का हवाला देते हुए इस अनुरोध का विरोध किया।
चौधरी ने कहा कि एजेंसी को अपनी याचिका वापस ले लेनी चाहिए और अदालत को जमानत देने संबंधी निचली अदालत के आदेश के क्रियान्वयन पर लगी रोक हटा लेनी चाहिए।
उन्होंने कहा, “आप मेरे सिर पर तलवार नहीं लटका सकते।”
हालांकि, ईडी के वकील ने कहा कि केजरीवाल पहले से ही उच्चतम न्यायालय के आदेश के तहत जमानत पर हैं।
शीर्ष अदालत ने 12 जुलाई को धन शोधन मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी थी और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत ‘गिरफ्तारी की जरूरत और अनिवार्यता’ के पहलू पर तीन सवाल बड़ी पीठ को भेज दिए थे।
केजरीवाल को 20 जून को निचली अदालत ने एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी थी, जिस पर बाद में उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी थी।
केजरीवाल को ईडी और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने क्रमश: 21 मार्च और 26 जून को धन शोधन और भ्रष्टाचार के मामलों में गिरफ्तार किया था।
दिल्ली के उपराज्यपाल ने आबकारी नीति बनाने और उसके क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे जिसके बाद 2022 में नीति को रद्द कर दिया गया था।
भाषा नोमान अविनाश
अविनाश
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