नयी दिल्ली, 21 मार्च (भाषा) केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सी आर पाटिल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में जल संरक्षण के लिए हुए कार्यों का उल्लेख करते हुए शुक्रवार को कहा कि मोदी सरकार में हर काम समय पर शुरू होता है और समय पर ही पूरा होता है।
पाटिल ने लोकसभा में वर्ष 2025-26 के लिए जलशक्ति मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए यह भी कहा कि जल संरक्षण को जन आंदोलन बनाने का प्रयास हो रहा है।
उनके जवाब के बाद सदन ने कुछ विपक्षी सदस्यों के कटौती प्रस्तावों को खारिज करते हुए जलशक्ति मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों को ध्वनिमत से मंजूरी दी।
पाटिल ने कहा कि जल संसाधन के लिए राशि आवंटन में लगातार बढ़ोतरी की गई है।
उनका कहना था कि जल राज्यों का विषय का होने के बावजूद प्रदेशों की क्षमता विकसित करने के लिए ज्यादा से ज्यादा आर्थिक मदद दी गई है।
उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष के लिए जलशक्ति मंत्रालय को 99,502 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
मंत्री ने कहा कि जलजीवन मिशन के तहत 2019 में नल से जल के तहत कुल 3 करोड़ कनेक्शन थे, जो 2025 में 15.52 करोड़ हो गए हैं।
उनके अनुसार, 2014 के बाद देश में करीब 12 करोड़ शौचालय बनाए गए और इसके कारण करीब 60 करोड़ लोगों को फायदा हुआ है।
मंत्री ने कहा कि केन-बेतवा नदी जोड़ो योजना के कारण 62 लाख लोगों को पेयजल मिलने वाला है।
उनका कहना था कि अब तक इस योजना पर 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च हो चुका है।
पाटिल ने अपने मंत्रालय से संबंधित योजनाओं के समय पर पूरा होने का वादा करते हुए कहा, ‘‘यह मोदी सरकार है। समय से काम शुरू करती है और समय पर पूरा करती है।’’
उनका कहना था, ‘‘गंगा नदी पुनरुद्धार के कारण आज डॉल्फिन की संख्या बढ़ी है…आज गंगा के उन हिस्सों में भी डॉल्फिन देखी गईं जहां पहले नहीं होती थीं।’’
पाटिल ने कहा कि ‘‘जल संरक्षण को जन आंदोलन में बदलने की कोशिश हो रही है।’’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कहीं भी गड़बड़ी की शिकायत आने पर किसी भी अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने नल से जल पहुंचाने की योजना में सदस्यों की शिकायतों पर कहा कि कि नल से जल के करोड़ों कनेक्शन में छोटी-मोटी अनियमितताएं आना स्वाभाविक हैं और भविष्य में इन्हें दूर करने का प्रयास किया जाएगा तथा जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई होगी।
इससे पहले, चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस सांसद रॉबर्ट ब्रू सी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के असर की चुनौतियों से निपटते हुए जल प्रबंधन सुनिश्चित करने की जरूरत है।
समाजवादी पार्टी के सदस्य आनंद भदौरिया ने जलशक्ति मंत्रालय की योजनाओं में हर जगह भ्रष्टाचार होने का दावा करते हुए कहा कि इस मंत्रालय का नाम ‘धनसंचय मंत्रालय’ कर देना चाहिए।
कांग्रेस सांसद उज्ज्वल रमण सिंह ने प्रयागराज में जल की कमी का हवाला देते हुए कहा कि उनके संसदीय क्षेत्र को बुंदेलखंड की तर्ज पर सुविधा दी जानी चाहिए।
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