नयी दिल्ली/जयपुर, 30 सितंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार देश के हर जिले में स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा के लिए एक महाविद्यालय या संस्थान स्थापित करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में जो खामियां हैं उन्हें दुरुस्त किया जा रहा है और सरकार बीमारियों से बचाव को प्राथमिकता दे रही है तथा इसके लिए आयुर्वेद और योग को भी निरंतर बढ़ावा दिया जा रहा है।
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राजस्थान के जयपुर स्थित पेट्रोरसायन प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईपीईटी) का उद्घाटन और राज्य के बांसवाड़ा, सिरोही, हनुमानगढ़ और दौसा जिलों में चार नए चिकित्सा महाविद्यालयों की आधारशिला रखने के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले सात सालों में 170 से अधिक नए चिकित्सा महाविद्यालय तैयार हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि 100 से ज्यादा नए चिकित्सा महाविद्यालयों पर काम तेज़ी से चल रहा है।
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उन्होंने कहा, ‘‘आज देश में प्रयास ये है कि हर जिले में एक चिकित्सा महाविद्यालय या फिर स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा प्रदान करने वाला कम से कम एक संस्थान जरूर हो।’’ पूववर्ती मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उसके फैसलों पर सवाल उठते थे और भांति-भांति के आरोप लगते थे। उन्होंने कहा कि इसका बहुत बड़ा प्रभाव देश में चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता और स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ा।
उन्होंने कहा कि इसे ठीक करने के लिए बहुत मशक्कत करनी पड़ी और अब इन व्यवस्थाओं का दायित्व राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के पास है। उन्होंने कहा, ‘‘इसका बहुत बेहतर प्रभाव देश के स्वास्थ्य से जुड़े मानव संसाधन और स्वास्थ्य सेवाओं पर दिखना शुरू हो गया है।’’
इन मेडिकल कॉलेजों को, जिला व रेफरल अस्पतालों से संबद्ध नए चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित करने की केन्द्र प्रायोजित योजना के तहत मंजूरी दी गई हैं। इसके लिए विकास की दृष्टि से पिछड़े, सुविधा वंचित और आकांक्षी जिलों को प्राथमिकता दी गई है। इस योजना के तीन चरणों के अंतर्गत पूरे देश में 157 नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे।