नयी दिल्ली, 30 जनवरी (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि जब भारत का इतिहास लिखा जाएगा तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सबसे कटु आलोचकों को भी उनके पिछले 10 साल के शासन के बारे में स्वर्ण अक्षरों में लिखना होगा।
‘इंडियन रेनेसां: द मोदी डिकेड’ पुस्तक के विमोचन के मौके पर शाह ने दक्षिणी क्षेत्र के लिए अलग राष्ट्र की मांग करने वालों की आलोचना की।
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोग भारत के दक्षिणी हिस्सों को मिलाकर एक अलग राष्ट्र बनाने की बात कर रहे हैं। देश पहले ही तीन राष्ट्रों में विभाजित हो चुका है। आप और कितने विभाजन चाहते हैं?’’
गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार के पिछले 10 वर्ष एक नए युग की शुरुआत हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘जब भारत का इतिहास लिखा जाएगा, तो प्रधानमंत्री मोदी के सबसे कटु आलोचकों को भी उनके पिछले 10 वर्षों के शासन के बारे में स्वर्ण अक्षरों में लिखना होगा।’’
शाह ने दावा किया कि 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी को जीत मिलने के बाद ‘द गार्जियन’ अखबार के एक पत्रकार ने भारत का अवलोकन करते हुए कहा था कि वैसे तो देश को 1947 में आजादी मिली थी लेकिन ब्रिटिश शासन से असली आजादी 2014 में मोदी के आने के बाद ही मिली है।
उन्होंने कहा, ‘‘मोदी सरकार के दस सालों के कार्यकल ने ‘गार्जियन’ अखबार के लेखक के लेख को सच साबित कर दिया है।’’
गृह मंत्री ने कहा कि जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और अब जब वह प्रधानमंत्री हैं तो उन्होंने हमेशा हर साल एक ऐसी योजना लाने का काम किया है जो क्रांतिकारी बदलाव लाती है।
शाह ने कहा कि आज देश में कोई भी ऐसा राष्ट्रीय नेता नहीं है जिसे 15 देशों के सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिले हों।
उन्होंने कहा, ‘‘यह नरेन्द्र मोदी हैं। यह उनके वैश्विक नेतृत्व का उदाहरण है।’’
चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव को ‘शिव शक्ति बिंदु’ नाम दिए जाने का उल्लेख करते हुए शाह ने कहा कि जब ऐसा किया गया तो इंटरनेट पर वैश्विक स्तर पर ‘शिव शक्ति’ के लिए एक करोड़ से अधिक बार सर्च किया गया और यह भारत की ताकत है।
उन्होंने कहा, ‘‘जब कोई व्यक्ति अपनी कड़ी मेहनत, दूरदर्शिता और सच्चे दिल से देश का नेतृत्व करता है तो इतिहास उसे नजरअंदाज नहीं कर सकता। इतिहास को उसकी ओर देखना ही होगा।’’
भाषा प्रीति संतोष
संतोष