Cheque Bounce Rules: मुंबई। आज का समय भले ही ऑनलाइन ट्रांजेक्शन का हो गया हो, लेकिन आज भी कई लोग चेक के जरिए ही ट्रांजेक्शन करते हैं। इसके अलावा कई बार चेक का इस्तेमाल बैंक प्रूफ के लिए भी किया जाता है। इसी वजह से चेक देते समय आपको बेहद ही सावधानी से अपने चेक और बैंक के अमाउंट को देखते हुए भरने चाहिए। नहीं तो आप भी जेल जा सकते हैं।
चलिए आपको बताते हैं कि आखिर क्या है ये चेक से जेल जाने का मसला? बता दें कि ‘घायल’ और ‘दामिनी’ जैसी दमदार फिल्में बनाने वाले मशहूर डायरेक्टर राजकुमार संतोषी को जामनगर की एक अदालत 2 साल जेल की सजा सुनाई है। राजकुमार संतोषी को ये सजा चेक बाउंस के एक केस में सुनाई गई है। उनके एक के बाद एक 10 चेक बाउंस हुए थे। राजकुमार संतोषी ने उद्योगपति अशोक लाल को 10 लाख रुपए के 10 चेक दिए थे। कुल रकम 1 करोड़ रुपए थी। ये सभी चेक बाउंस हो गए।
कोर्ट के ऑर्डर के मुताबिक राजकुमार संतोषी को 2 साल जेल की सजा होगी और पार्टी को दोगुनी रकम करीब 2 करोड़ रुपए चुकाने होंगे। किसी भी ‘चेक’ को पेमेंट करने का एक ‘लिखित वादा’ माना जाता है। ऐसे में ‘चेक बाउंस’ होना कानूनन अपराध बन जाता है। चेक जारी करने वाले व्यक्ति के बैंक खाते में जब पर्याप्त राशि नहीं होती, तब बैंक उसका पेमेंट करने से मना कर देते हैं।
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Cheque Bounce Rules: आम लोगों के बीच इसे ‘चेक बाउंस’ होना कहा जाता है। चेक बाउंस होने के मामले में बैंक उसे जारी करने वाली पार्टी से जुर्माना वसूलते हैं। जबकि जिसके लिए चेक जारी किया गया होता है, वो इसे अदालत में चुनौती दे सकता है। भारत में चेक बाउंस होना एक क्रिमिनल ऑफेंस है। इसमें जुर्माने के साथ 2 साल तक की जेल का प्रावधान है।