Ethylene Oxide: अभी कुछ दिन पहले सिंगापुर और बाद में हांगकांग खबर आई थी। पहले सिंगापुर और बाद में हांगकांग से। इन देशों ने एवरेस्ट और एमडीएच के मसालों पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद भारत सरकार भी सक्रिय हुई। सरकारी एजेंसियों ने इन मसालों की फैक्ट्री का दौरा किया। इसके साथ ही भारत सरकार ने इन देशों से भी पूछताछ की है। वहीं बता दें कि सितंबर 2020 से अभी तक यूरोपीय देशों ने 525 से भी ज्यादा सामानों पर प्रतिबंध लगा चुका है।
दरअसल, ऐसा बताया जा रहा है कि सिर्फ मसाले ही नहीं भारत से विदेशों में निर्यात किए जाने वाले कई खाद्य उत्पादों में कैंसरकारी केमिकल की मौजूदगी की जानकारी सामने आई है। बताते चलें कि हांगकांग और सिंगापुर पहले ही मसाला पाउडर में पाए जाने वाले कथित एथिलीन ऑक्साइड पर प्रतिबंध लगा चुके हैं। एथिलीन ऑक्साइड को कार्सिनोजेन माना जाता है, जो कैंसर का कारक है।
87 कंशाइनमेंट को बॉर्डर पर ही रोका गया था
बता दें कि सितंबर 2020 से अप्रैल 2024 तक किए गए निरीक्षण में ईयू खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण ने भारत से आयातित 527 खाद्य उत्पादों में कार्सिनोजेनिक एथिलीन ऑक्साइड पाया। इसमें मुख्य रूप से 313 मेवे और तिल के खाद्य पदार्थों, 60 तरह के जड़ी-बूटियां और मसाले में, 48 आहार संबंधी खाद्य पदार्थों और अन्य 34 खाद्य उत्पादों सहित 527 भारतीय वस्तुओं को कंटेमिनेटेड (Contamination) पाया। संघ का कहना है कि इन सामानों में कैंसर पैदा करने वाले रसायन पाए गए। इन सामानों के 87 कंशाइनमेंट को देश के बार्डर पर ही रोक दिया गया था, जबकि शेष को बाद में बाजारों से हटा दिया गया था।
क्या होता है एथिलीन ऑक्साइड
Ethylene Oxide: एथिलीन ऑक्साइड एक रंगहीन गैस है। इसका उपयोग कीटनाशक और स्टरलाइजिंग एजेंट के रूप में किया जाता है। लेकिन यह रसायन मूल रूप से चिकित्सा उपकरणों को स्टरलाइज करने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। डॉक्टरों का कहना है कि एथिलीन ऑक्साइड के प्रभाव से लिम्फोमा और ल्यूकेमिया जैसे कैंसर होते हैं।