पलक्कड़ (केरल), 14 नवंबर (भाषा) वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के पूर्व संयोजक अपनी कथित आत्मकथा को लेकर उठे विवाद के बीच पलक्कड़ उपचुनाव में एलडीएफ के निर्दलीय उम्मीदवार पी सरीन के प्रचार के लिए बृहस्पतिवार को यहां पहुंचे।
जयराजन ने पलक्कड़ पहुंचकर एक संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस पर पलक्कड़ और चेलक्करा विधानसभा उपचुनाव में एलडीएफ की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाने के लिए विवाद खड़ा करने की साजिश रचने और गंदी राजनीति करने का आरोप लगाया।
जयराजन और कांग्रेस के पूर्व डिजिटल मीडिया संयोजक सरीन ने कहा कि जयराजन के यहां आने का विवादास्पद किताब से कोई लेनादेना नहीं है, वहीं विपक्षी कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) ने कहा कि जयराजन को उनकी कथित आत्मकथा की विषयवस्तु के कारण पलक्कड़ उपचुनाव प्रचार में शामिल होने का निर्देश दिया गया।
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीसन ने कहा कि कांग्रेस डिजिटल मीडिया के संयोजक रह चुके सरीन के पक्ष में प्रचार करने के लिये जयराजन के यहां आने से एलडीएफ उम्मीदवार के बारे में कथित आत्मकथा में कही गई बातें बदल नहीं जाएंगी, जिससे राज्य में राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि कथित पुस्तक के कुछ अंश मीडिया में प्रसारित होने के मद्देनजर जयराजन को संभवतः माकपा ने प्रचार के लिए पलक्कड़ आने का निर्देश दिया है।
सतीसन ने यहां एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा, ‘‘अन्यथा, उन्होंने (जयराजन) अब तक सरीन के लिए प्रचार क्यों नहीं किया?’’
उन्होंने कहा कि सरीन के पक्ष में प्रचार करने के लिए जयराजन के पलक्कड़ आने से उस बात में कोई बदलाव नहीं आएगा जो माकपा नेता ने अपनी पुस्तक में एलडीएफ उम्मीदवार के बारे में कही है।
विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए जयराजन ने कहा कि वह अब भी अपनी आत्मकथा लिख रहे हैं और उन्होंने किसी को इसे प्रकाशित करने के लिए अधिकृत नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में वह अपने प्रकाशन की रफ्तार बढ़ाएंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि खबरों के अनुसार कथित पुस्तक में जिन चीजों का उल्लेख किया गया है, उनमें से कुछ भी उनकी आत्मकथा में नहीं है।
सरीन को पलक्कड़ विधानसभा उपचुनाव में यूडीएफ उम्मीदवार के रूप में युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राहुल ममकूटथिल को चुनने के पार्टी के फैसले पर सार्वजनिक रूप से असंतोष व्यक्त करने के बाद कांग्रेस से हटा दिया गया था।
भाषा वैभव मनीषा
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