बेंगलुरु: क्या भारत का चंद्र अभियान पूरा हो गया? क्या चंद्रयान 3 को जिस मकसद से कड़ी मशक्कत के बाद चाँद पर भेजा गया था वह पूरा हो गया? और इस तरह क्या भारत के इस सुखद अभियान का अंत हो गया? (End Of Chandrayan-3 Mission Of India) ऐसा इसलिए पूछा जा रहा है क्योंकि चाँद की जिस साउथ पोल पर चंद्रयान 3 की लैंडिंग हुई थी यानी शिवशक्ति प्वाइंट अब वहां रात हो चुकी है। ऐसे में चंद्रयान 3 का प्रज्ञान रोवर जो कि सौर ऊर्जा से संचालित होता है, उसने काम करना बंद कर दिया है। कंट्रोल ऑपरेटर्स ने रोवर को स्लीप मोड पर भेज दिया है। इससे पहले इसरो ने बताया था कि प्रज्ञान रोवर ने चाँद पर 100 मीटर की दुसरे तय कर लिया है।
लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है। इसरो के मुताबिक, प्रज्ञान रोवर पर दो पेलोड हैं- अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (एपीएक्सएस) और लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (एलआईबीएस)। लैंडर के माध्यम से पेलोड को निष्क्रिय कर दिया गया। अब पृथ्वी पर डेटा मिलना बंद हो गया है। इसरो ने बताया है कि अब सबकी नजर 22 सितंबर पर टिक गई है। इस दिन इसरो रोवर को एक्टिव करेगा।
इसरो के मुताबिक़ 22 सितम्बर को चाँद के दक्षिण पोल पर फिर से सुबह होगी और इसे में सूर्य की रोशनी पहुंचनी शुरू हो जाएगी। इसरो का प्रयास होगा कि प्रज्ञान रोवर को फिर से एक्टिव मोड में लाया जाए। अगर ऐसा होता है तो आने वाले 14 दिनों तक रोवर फिर से डाटा धरती पर भेजना शुरू कर देगा इसके लिए जरूरी होगा कि लैंडर भी चार्ज हो। हालांकि ऐसा हो यह जरूरी नहीं। और यदि ऐसा नहीं होता तो रोवर और लैंडर हमेशा के लिए चाँद पर भारत के दूत के तौर पर मौजूद रहेंगे।
Chandrayaan-3 Mission:
The Rover completed its assignments.It is now safely parked and set into Sleep mode.
APXS and LIBS payloads are turned off.
Data from these payloads is transmitted to the Earth via the Lander.Currently, the battery is fully charged.
The solar panel is…— ISRO (@isro) September 2, 2023