नयी दिल्ली, 10 जून (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने सोमवार को दावा किया कि लोकसभा चुनाव परिणाम भाजपा के लिए एक झटका है और ‘इंडिया’ गठबंधन को ‘‘फासीवादी तरीकों’’ का उपयोग करने वाले ‘‘हिंदुत्ववादी अधिनायकवाद’’ से सजग रहना होगा।
माकपा के पोलित ब्यूरो की रविवार को हुई बैठक के बाद जारी बयान में पार्टी ने अपने चुनावी प्रदर्शन पर निराशा व्यक्त की और यह भी कहा कि वामपंथियों ने संसद में अपनी संख्या में मामूली सुधार किया है।
वामपंथी दल ने कहा, ‘‘18वीं लोकसभा के गठन के लिए चुनाव परिणाम भाजपा के लिए एक बड़ा झटका था। भारत के लोगों ने, संविधान और गणतंत्र के धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक चरित्र की रक्षा पर जोर देते हुए भाजपा को बहुमत से वंचित कर दिया है।’’
माकपा का कहना है कि कि 543 सदस्यीय लोकसभा में 400 से अधिक के आंकड़े तक पहुंचने के लिए अभियान चलाने के बाद भाजपा की अब 240 सीटें हैं, जबकि सत्तारूढ़ पार्टी अब अपने दम पर बहुमत से 32 सीटें कम है तथा ‘इंडिया’ गठबंधन बहुमत से 38 पीछे है।
उसने दावा किया, ‘‘अपने दम पर पूर्ण बहुमत से वंचित होने के बावजूद मोदी के आधिपत्य को फिर से स्थापित करने के प्रयास जारी रहेंगे। ‘इंडिया’ के दलों को हिंदुत्ववादी अधिनायकवाद की प्रवृत्तियों और हिंदुत्व-कॉर्पोरेट गठजोड़ को मजबूत करने के सभी प्रयासों का दृढ़तापूर्वक विरोध करने और उन्हें हराने के लिए सतर्क रहना होगा और धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र, लोगों की आजीविका, आर्थिक संप्रभुता, सामाजिक न्याय और संघवाद की रक्षा करनी होगी।”
माकपा पोलित ब्यूरो ने कहा, ‘‘आने वाले दिनों में फासीवादी तरीकों का इस्तेमाल करने वाली हिंदुत्ववादी अधिनायकवाद के खिलाफ संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह संघर्ष को मजबूत करना होगा।’’
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