नयी दिल्ली, 13 जनवरी (भाषा) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने वैश्विक स्तर पर प्रशंसा अर्जित करने वाले चुनाव कराने के लिए निर्वाचन आयोग की सोमवार को सराहना करते हुए कहा कि सर्वश्रेष्ठ हासिल करने के लिए इसकी आलोचना करने की गुंजाइश हमेशा बनी रहेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि निर्वाचन आयोग की स्वतंत्रता से कभी समझौता नहीं किया गया क्योंकि नौकरशाही काफी प्रशिक्षित है और चुनाव प्रणाली सक्रिय और ऊर्जावान है।
उनकी टिप्पणी मतदाता सूची में कथित विसंगतियों, मतदाताओं के मतदान डेटा में हेराफेरी के आरोपों और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की प्रभावकारिता को लेकर निर्वाचन आयोग पर किये जा रहे विपक्ष के हमलों की पृष्ठभूमि में आई है।
यहां एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए धनखड़ ने कहा, ‘‘हमारे पास एक निर्वाचन आयोग है जिसने काम किया है। और इसने इस तरह से काम किया है कि इसे वैश्विक मान्यता मिल रही है। दुनिया के कई देश चाहते हैं कि उनके चुनावों की निगरानी हमारे चुनाव आयोग द्वारा की जाए।’’
उपराष्ट्रपति ने कहा कि निर्वाचन आयोग का सर्वोत्तम प्राप्त करने के लिहाज से इसकी आलोचना करने की ललक हमेशा बनी रहेगी। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हम सभी निश्चिंत हैं क्योंकि हमारी नौकरशाही बहुत प्रशिक्षित है। हमारी चुनाव मशीनरी बहुत अधिक सक्रिय और ऊर्जावान है। किसी भी हालात में स्वतंत्रता से कभी समझौता नहीं किया जा सकता।
राज्यसभा के सभापति धनखड़ ने कहा कि लोकतंत्र के अस्तित्व के लिए सक्रिय संसद का होना बेहद आवश्यक है क्योंकि संसद ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की शक्ति प्रदान करती है।
भाषा संतोष नरेश
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