नयी दिल्ली, 24 जनवरी (भाषा) मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने इस तरह के चुनाव प्रचार अभियान चलाने पर शुक्रवार को जोर दिया जो न तो विघटनकारी हों और न ही विभाजनकारी।
उन्होंने निराधार विमर्श गढ़े जाने के खिलाफ बात की, क्योंकि इससे युवाओं का मोहभंग होता है और वे चुनाव प्रक्रिया से दूर हो जाते हैं।
कुमार ने 15वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस की पूर्व संध्या पर अपने संदेश में कहा कि चुनावों के दौरान विश्व ‘‘ध्रुवीकृत अभियानों के युग’’, बाहरी हस्तक्षेप की संभावनाओं और साइबर सुरक्षा की बढ़ती चुनौतियों का सामना कर रहा है।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस, निर्वाचन आयोग की स्थापना के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। आयोग की स्थापना 25 जनवरी 1950 को हुई थी।
कुमार ने कहा, ‘‘यह सभी का कर्तव्य है कि चुनाव प्रचार अभियान विघटनकारी या विभाजनकारी न हों और निराधार विमर्श न गढ़े जाएं क्योंकि इससे युवाओं का मोहभंग होता है और वे चुनावी प्रक्रिया से दूर हो जाते हैं।’’
उन्होंने कहा कि गलत सूचना और फर्जी विमर्श तीव्र गति से फैलते हैं।
उन्होंने कहा कि एक खतरनाक प्रवृत्ति उभर रही है, जिसमें चुनावी प्रक्रिया के खिलाफ निराधार आरोप लगाए जा रहे हैं, जो मतदाताओं के विश्वास और राष्ट्रीय ताने-बाने को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
उन्होंने अपने संदेश में कहा, ‘‘लोकतंत्र हम सभी का है। भारतीय लोकतंत्र हमारी साझा विरासत है, जिसे पिछले 75 वर्षों में पोषित और मजबूत किया गया है – एक ऐसी विरासत जिस पर मतदाता गर्व करते हैं। इस विरासत को राजनीतिक दल भी गर्व के साथ साझा करते हैं, जो मतदाताओं के बाद लोकतंत्र को मजबूत करने में महत्वपूर्ण हितधारक हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी पात्र नागरिकों से अपील करता हूं कि वे बिना चूके मतदाता के रूप में पंजीकरण कराएं और प्रत्येक चुनाव में मतदान करें। कस्बों और शहरों के मतदाताओं और युवाओं से विशेष अपील है कि वे चुनावी भागीदारी में ईमानदारी से रुचि लें और मतदान करें।’’
भाषा सुभाष रंजन
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