जम्मू-कश्मीर की एकता गणतंत्र दिवस परेड में एनसीसी की लड़कियों की टुकड़ी का नेतृत्व करेंगी

जम्मू-कश्मीर की एकता गणतंत्र दिवस परेड में एनसीसी की लड़कियों की टुकड़ी का नेतृत्व करेंगी

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  • Publish Date - January 24, 2025 / 03:56 PM IST,
    Updated On - January 24, 2025 / 03:56 PM IST

जम्मू, 24 जनवरी (भाषा) राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) की कैडेट एकता कुमारी रविवार को नयी दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड के दौरान कर्तव्य पथ पर एनसीसी की लड़कियों की टुकड़ी का नेतृत्व करने वाली जम्मू-कश्मीर की पहली कैडेट होंगी।

जम्मू जिले के अखनूर की रहने वाली एकता एनसीसी की पहली जम्मू-कश्मीर नौसेना इकाई की एक अग्रणी कैडेट हैं। वह गांधी नगर सरकारी महिला कॉलेज से बीएससी की पढ़ाई कर रही हैं।

रक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने कहा कि एकता के खाते में दर्ज होने जा रही इस उपलब्धि ने जम्मू, कश्मीर और लद्दाख को गौरवान्वित किया है।

एकता में देश सेवा का भाव उनके पिता, 12 जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंट्री के एक सेवानिवृत्त सैनिक ने जगाया। उन्होंने अखनूर के आर्मी पब्लिक स्कूल से शुरुआती पढ़ाई की और फिर सशस्त्र बलों में शामिल होने के अपने जुनून के चलते कॉलेज के दिनों में एनसीसी में शामिल हो गईं।

बर्तवाल के मुताबिक, एनसीसी में पहले साल से ही एकता का दृढ़ संकल्प और उत्कृष्टता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता स्पष्ट हो गई, जब उन्होंने सामाजिक कार्यों और साहसिक अभियानों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।

एकता ने कहा, “कर्तव्य पथ पर अखिल भारतीय बालिका दल की परेड कमांडर बनना मेरे जीवन का सबसे गौरवपूर्ण पल है। यह उपलब्धि सिर्फ मेरी नहीं, बल्कि मेरे परिवार, मेरी यूनिट और पूरे जम्मू, कश्मीर और लद्दाख क्षेत्र की है।”

एकता ने अपनी सफलता का श्रेय अपने एसोसिएट एनसीसी अधिकारी (एएनओ) और प्रशिक्षकों सहित अपने गुरुओं और प्रशिक्षकों को दिया, जिन्होंने तैयारी के दौरान उनका मार्गदर्शन किया।

एकता ने कहा, “मैं यूनिट कमांडिंग ऑफिसर, लेफ्टिनेंट कमांडर तेज राम, ग्रुप कमांडर ब्रिगेडियर दीपक सज्जनहार एसएम, अतिरिक्त महानिदेशक मेजर जनरल अनुपिंदर बेवली, कंटिजेंट कमांडर कर्नल अमित भारद्वाज और एएनओ डॉ. नितिका से मिले अटूट समर्थन के लिए ‍उनका भी शुक्रिया अदा करना चाहूंगी।”

बर्तवाल ने कहा, “एकता की असाधारण उपलब्धि न केवल जम्मू-कश्मीर के युवाओं की क्षमता को उजागर करती है, बल्कि लोगों को दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत के जरिये अपने सपनों को साकार करने की प्रेरणा भी देती है।”

भाषा पारुल पवनेश

पवनेश