नयी दिल्ली, 13 दिसंबर (भाषा) संसद में शुक्रवार को बताया गया कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के वोटों का ‘वोटर वेरीफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल’ (वीवीपैट) मशीन की पर्चियों से मिलान कराने की मांग वाली कुल आठ याचिकाएं इस साल उच्चतम न्यायालय और विभिन्न उच्च न्यायालयों में दायर की गई हैं।
निर्वाचन आयोग द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी का हवाला देते हुए, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि एन चंद्रबाबू नायडू बनाम भारत संघ मामले में अप्रैल 2019 के उच्चतम न्यायालय के आदेश के मद्देनजर मतगणना के बाद लोकसभा चुनाव के मामले में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में बिना क्रम के चुने गए पांच मतदान केंद्रों की वीवीपीएटी या पेपर ट्रेल मशीन पर्चियों का अनिवार्य सत्यापन किया जाता है।
उन्होंने कहा, ‘‘उक्त अनिवार्य सत्यापन के लिए किसी भी राशि को जमा करने की आवश्यकता नहीं है। निर्वाचन आयोग ने आगे कहा है कि आवश्यकतानुसार, 2024 में हुए सभी चुनावों में अनिवार्य सत्यापन किया गया है।’’
भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र वैभव
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