जम्मू, 11 नवंबर (भाषा) पिछले तीन वर्षों में सीमावर्ती जिलों राजौरी और पुंछ में घातक हमलों के बाद इस साल आतंकवादी गतिविधियां जम्मू क्षेत्र के छह अन्य जिलों में फैल गईं, जिनके कारण 18 सुरक्षाकर्मियों और 13 आतंकवादियों समेत 44 लोगों की मौत हुई। सुरक्षा अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
राजौरी और पुंछ के पीर पंजाल जिलों में हालांकि पिछले वर्षों की तुलना में 2024 में आतंकवादी गतिविधियों में काफी गिरावट देखी गई, लेकिन अप्रैल-मई से रियासी, डोडा, किश्तवाड़, कठुआ, उधमपुर और जम्मू में हुईं सिलसिलेवार घटनाओं ने सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता पैदा कर दी है।
अधिकारियों ने बताया कि खतरे का मुकाबला करने और शांतिपूर्ण क्षेत्रों में आतंक फैलाने के पाकिस्तान में रहने वाले व्यक्तियों के प्रयासों को विफल करने को लेकर सेना ने पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के साथ मिलकर संवेदनशील क्षेत्रों, विशेषकर घने जंगलों में लगातार अभियान चलाए हैं।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष डोडा, कठुआ और रियासी जिलों में नौ-नौ लोगों की हत्या हुई, इसके अलावा किश्तवाड़ में पांच, उधमपुर में चार, जम्मू और राजौरी में तीन-तीन जबकि पुंछ में दो लोगों की जान गई।
अधिकारियों ने बताया कि मृतकों में 18 सुरक्षाकर्मी और 13 आतंकवादी शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि आतंकवादियों द्वारा मारे गए 14 नागरिकों में से सात शिव खोड़ी मंदिर से लौट रहे तीर्थयात्री थे, जबकि तीन ग्राम रक्षा प्रहरी (वीजीडी) थे।
तीर्थयात्रियों की मौत बस पर हुए हमले में हुई थी, जिसमें स्थानीय चालक और कंडक्टर की भी मौत हो गई, वहीं वीडीजी को उधमपुर और किश्तवाड़ जिलों में गोली मार दी गई।
जम्मू क्षेत्र के अन्य हिस्सों की तरह एक दशक पहले आतंकवाद से लगभग मुक्त होने वाले राजौरी-पुंछ क्षेत्र में अक्टूबर 2021 से ज्यादातर सेना के वाहनों को निशाना बनाकर घातक आतंकवादी हमले किए गए, जिसके परिणामस्वरूप 47 सुरक्षा कर्मियों, 48 आतंकवादियों और सात आम व्यक्तियों समेत 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई।
अधिकारियों ने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि राजौरी में 2021 में 19, 2022 में 14 और 2023 में 28 मौत हुईं। इसी तरह, पुंछ में 2021 में 15, 2022 में चार और 2023 में 24 मौत दर्ज की गईं।
भाषा
जोहेब मनीषा प्रशांत
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