तिरुवनंतपुरम, 15 जनवरी (भाषा) केरल की एक अदालत ने बुधवार को भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के उन आठ कार्यकर्ताओं को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, जिन्हें मई 2013 में यहां आलमकोड के निकट माकपा के एक कार्यकर्ता की पिटाई और चाकू घोंपकर हत्या करने के मामले में दोषी ठहराया गया था।
तिरुवनंतपुरम के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ए. सुदर्शन ने शंभू कुमार उर्फ शंभू, श्रीजीत उर्फ उन्नी, हरिकुमार, चंद्रमोहन उर्फ अंबिली और संतोष उर्फ चंदू को भारतीय दंड सहिंता (आईपीसी) की धाराओं 302 (हत्या) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
अदालत ने कहा कि सजाएं साथ-साथ चलेंगी। प्रत्येक दोषी पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
अदालत ने तीन अन्य आरोपियों अभिषेक उर्फ अन्नी संतोष, प्रशांत उर्फ पझिनजी प्रशांत और सजीव को भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
अदालत ने तीनों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
अदालत ने 10 जनवरी को आठ लोगों को, श्रीकुमार उर्फ अशोकन की पिटाई और चाकू घोंपकर हत्या करने का दोषी पाया था।
विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) ए. ए. हकीम ने बताया था कि श्रीकुमार उर्फ अशोकन की हत्या का कारण उसके दोस्त आद बीनू और एक आरोपी शंभू के बीच वित्तीय विवाद था।
एसपीपी के अनुसार श्रीकुमार ने वित्तीय विवाद में हस्तक्षेप किया था और शंभू से उनका झगड़ा हुआ था।
एसपीपी ने बताया कि इसके बाद, आठ आरोपियों ने बदला लेने की साजिश रची और पांच मई, 2013 को आलमकोड के पास श्रीकुमार की पिटाई की और चाकू घोंपकर हत्या कर दी।
एसपीपी ने यह भी बताया कि मामले में आठ अन्य आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया, जिन पर सबूत नष्ट करने और हमलावरों को फरार होने में मदद करने का आरोप लगाया गया था।
भाषा
देवेंद्र जोहेब
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