चेन्नई, 18 अक्टूबर (भाषा) राज्यपाल आर एन रवि ने शुक्रवार को दावा किया कि भाषा के आधार पर तमिलनाडु को शेष भारत से अलग करने का प्रयास किया जा रहा है और आगाह किया कि ऐसा प्रयास सफल नहीं होगा।
रवि ने आरोप लगाया कि तमिलनाडु देश का एकमात्र राज्य है जो त्रिभाषा फार्मूले में अन्य भारतीय भाषाओं को शामिल करने का विरोध कर रहा है, जबकि 27 अन्य राज्यों ने इस नीति को स्वीकार कर लिया है।
राज्यपाल ने यहां दूरदर्शन तमिल कार्यालय में आयोजित हिंदी माह के समापन समारोह में राज्य में राजनीतिक दलों द्वारा इस भाषा का विरोध करने का जिक्र करते हुए कहा कि हिंदी (थोपने) के खिलाफ विमर्श एक बहाना है।
उन्होंने कहा, ‘वे संवाद को तोड़ना चाहते हैं… एक जहरीली नीति और एक अलगाववादी नीति भारत की एकता को कमजोर नहीं कर सकती।’
रवि ने कहा, ‘तमिलनाडु को देश के बाकी हिस्सों से अलग करने, काटने और अलग-थलग करने का प्रयास किया जा रहा है। इस देश को तोड़ने के इस अलगाववादी एजेंडे और इस तरह से सोचने वालों को याद रखना चाहिए कि भारत को विभाजित नहीं किया जा सकता है।’
भाषा
शुभम रंजन
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