शिक्षाविदों ने केंद्र सरकार से परीक्षाओं की शुचिता बनाए रखने का आग्रह किया

शिक्षाविदों ने केंद्र सरकार से परीक्षाओं की शुचिता बनाए रखने का आग्रह किया

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  • Publish Date - June 23, 2024 / 08:24 PM IST,
    Updated On - June 23, 2024 / 08:24 PM IST

नयी दिल्ली, 23 जून (भाषा) प्रतियोगी परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं को लेकर जारी विवाद के बीच कई शिक्षाविदों ने रविवार को केंद्र सरकार से परीक्षाओं की शुचिता बनाए रखने का आग्रह किया और इस बात पर जोर दिया कि ऐसे जटिल मामलों में रातोंरात समाधान संभव नहीं है।

प्रतियोगी परीक्षाओं में कथित गड़बड़ियों को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे केंद्र ने शनिवार को राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के महानिदेशक सुबोध सिंह को हटा दिया और राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) में अनियमितताओं की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी।

शिक्षा मंत्रालय ने एजेंसी के कामकाज की समीक्षा करने और परीक्षा प्रक्रिया में सुधारों की सिफारिश करने के लिए पूर्व इसरो प्रमुख के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समिति का भी गठन किया है।

मंत्रालय ने नीट-पीजी प्रवेश परीक्षा को स्थगित कर दिया, जो हाल के दिनों में प्रभावित होने वाली चौथी प्रवेश परीक्षा है।

शिक्षाविदों ने कहा कि एनटीए के प्रमुख को हटाने और नीट अनियमितताओं की सीबीआई जांच का आदेश देने से छात्रों में भरोसा पैदा होगा।

भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु के निदेशक गोविंद रंगराजन ने कहा, ‘‘चूंकि यह एक ऐसा मुद्दा है जो लाखों छात्रों को प्रभावित करता है, इसलिए मामले में उचित निर्णय लिए जाने के लिए अनियमितताओं की गहन जांच आवश्यक है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे जटिल मामलों में रातों-रात समाधान संभव नहीं है। सरकार ने पहले ही उच्च स्तरीय समिति गठित कर दी है। सभी बातें सामने आने तक प्रतीक्षा करें। हमें धैर्य रखने की आवश्यकता है।’’

राष्ट्रीय शिक्षा प्रौद्योगिकी मंच के अध्यक्ष अनिल सहस्रबुद्धे ने कहा कि एनटीए के सभी मामलों को सीबीआई को सौंपने के फैसले से छात्रों में विश्वास बहाल हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘‘डॉ. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति की घोषणा, छात्रों के बीच विश्वास बहाली के लिए समय पर उठाया गया सुधारात्मक कदम है।’’

मणिपाल ग्लोबल एजुकेशन सर्विसेज के प्रमुख मोहनदास पई ने कहा कि नीट में शामिल हुए 24 लाख अभ्यर्थियों के लिए दोबारा परीक्षा नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘सभी को दोबारा इस प्रक्रिया से गुजारना अनुचित होगा। दोबारा परीक्षा केवल उन्हीं केंद्रों पर होनी चाहिए, जहां कुछ गलत हुआ है। सरकार परीक्षा की शुचिता सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रही है।’’

भाषा शफीक संतोष

संतोष