नयी दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को कांग्रेस सांसद कार्ति पी चिदंबरम के खिलाफ 12 जुलाई तक कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का अश्वासन दिया। कथित चीनी वीजा घोटाला मामले में कार्ति की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई 12 जुलाई को होगी। न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने ईडी को सुनवाई की अगली तारीख से पहले मामले पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को भी कहा। कार्ति और ईडी के वकील के अनुरोध पर अदालत ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए 12 जुलाई को सूचीबद्ध किया।
ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने मौखिक रूप से अदालत को आश्वासन दिया कि 12 जुलाई तक कुछ नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘‘मैं बयान नहीं दूंगा, लेकिन समझा जाता है कि तब तक कुछ नहीं होगा। मेरी समझ सिर्फ 12 (जुलाई) तक की है।’’ उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी की कोई आशंका नहीं है। कार्ति की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत से सुनवाई की अगली तारीख तक कार्ति को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण देने का अनुरोध किया।
कार्ति और दो अन्य की अग्रिम जमानत याचिका के निचली अदालत में खारिज हो जाने के बाद कांग्रेस सांसद ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। निचली अदालत ने तीन जून को इस आधार पर याचिका को खारिज कर दिया था कि अपराध बहुत गंभीर प्रकृति का है।ईडी ने कार्ति और अन्य के खिलाफ वर्ष 2011 में 263 चीनी नागरिकों को वीजा जारी करने से संबंधित कथित घोटाले में धन शोधन का मामला दर्ज किया था। उस वक्त कार्ति के पिता पी चिदंबरम गृह मंत्री थे।
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एजेंसी ने इसी मामले में सीबीआई की ओर से दर्ज प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए धन शोधन निरोधक कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है। ईडी ने पहले अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि वह एक कल्पना के आधार पर आवेदन दायर नहीं कर सकते, जो उनकी गिरफ्तारी की वास्तविक आशंका को नहीं दर्शाता।
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