पटना। बिहार के भोजपुर जिले के संदेश के पूर्व विधायक अरुण यादव पर कभी भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का शिकंजा कस सकता है। बिहार पुलिस ने अरुण यादव की करोड़ों की संपत्ति जब्त करने का प्रस्ताव ईडी को भेजा है। सूत्रों के मुताबिक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जल्द पूर्व विधायक के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
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प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत अरुण यादव की 4.53 करोड़ की संपत्ति को जब्त करने का प्रस्ताव ईडी को भेजा गया है। इसमें जमीन-मकान से जुड़ी 34 अलग-अलग संपत्तियां शामिल हैं। इसके अलावा एक बैंक खाता को भी फ्रीज किया गया है जिसमें करीब 5.5 लाख रुपए जमा हैं। कागज पर इन संपत्तियों की जितनी कीमत दर्शायी गई है वास्तव में इनका बाजार मूल्य इससे कहीं ज्यादा है। अधिकतर जमीन भोजपुर जिले के अगियांव प्रखंड में है। पटना के पाटलिपुत्र कॉलोनी में भी एक मकान है।
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अरुण यादव लम्बे समय से फरार हैं। उन पर नाबालिग से दुष्कर्म का आरोप है। फरारी के दौरान ही भोजपुर पुलिस ने कुर्की जब्ती की कार्रवाई की थी। हालांकि तमाम कोशिशों के बावजूद अरुण यादव अबतक पुलिस की पकड़ में नहीं आ सका है। बताया जाता है कि उसके खिलाफ विभिन्न थानों में कई मामले दर्ज हैं। कई वर्ष पूर्व अरुण यादव को एसटीएफ ने बिहटा व कोइलवर के बीच गिरफ्तार किया था। उस वक्त अरुण पर 25 हजार का इनाम घोषित था।
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अरुण यादव को बीते विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिला था। अरुण यादव की जगह पत्नी किरण देवी को राजद ने उसी संदेश विधानसभा से उम्मीदवार बनाया जहां से अरुण विधायक थे। बताया जाता है कि पत्नी को टिकट दिलाने में अरुण यादव की भूमिका रही। किरण देवी चुनाव जीतकर विधायक बनीं।
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