यूनिटेक समूह धन शोधन मामले में ईडी ने 335 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की

यूनिटेक समूह धन शोधन मामले में ईडी ने 335 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की

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  • Publish Date - October 22, 2024 / 08:08 PM IST,
    Updated On - October 22, 2024 / 08:08 PM IST

नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर (भाषा) धन शोधन रोधी कानून के तहत यूनिटेक समूह और उससे जुड़ी एक कंपनी की 335 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

ईडी ने एक बयान में कहा कि यूनिटेक इंटरनेशनल रियल्टी फंड (यूआईआरएफ) और सहाना बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ी 319 करोड़ रुपये और 16 करोड़ रुपये की चल संपत्तियों को कुर्क करने के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक अनंतिम आदेश जारी किया गया है।

यह मामला दिल्ली पुलिस और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से यूनिटेक लिमिटेड और अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी से उपजा है।

ईडी उच्चतम न्यायालय के 18 दिसंबर, 2019 के आदेश के आधार पर मामले की जांच कर रही है, जिसमें “कानून प्रवर्तन तंत्र द्वारा धन शोधन के नजरिये और अन्य संबंधित पहलू से मामले की उचित जांच किए जाने की बात कही गई थी।”

ईडी ने कहा कि यूनिटेक समूह के चंद्रा बंधुओं (संजय चंद्रा और अजय चंद्रा) ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर घर खरीदारों, निवेशकों और बैंकों से प्राप्त धन को “अवैध रूप से स्थानांतरित” करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे उन्हें 7,612 करोड़ की आय अर्जित हुई।

केंद्रीय जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि यूआईआरएफ चंद्रा परिवार द्वारा अपनी कंपनियों ऑरम एसेट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड और यूनिवेल लिमिटेड (केमैन द्वीप) के माध्यम से स्थापित एक ‘फंड’ था, जिसे यूनिटेक लिमिटेड को प्राप्त धन (घर खरीदारों के पैसे) को ‘स्थानांतरित’ करने के लिए बनाया गया था।

जांच के हिस्से के रूप में ईडी ने यूआईआरएफ की भारतीय कंपनियों को आगरा, वाराणसी, मोहाली और चेन्नई में सौंपे गए भूमि अधिकारों सहित 319 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की।

ईडी ने कहा कि यूनिटेक लिमिटेड ने सहाना बिल्डर्स को भी 16 करोड़ रुपये ‘स्थानांतरित’ किए, जिसका भुगतान वापस यूनिटेक लिमिटेड को किया जाना था।

ईडी ने मामले में अब तक देश और विदेश में 1,593.36 करोड़ रुपये की कुल 1,288 संपत्तियां कुर्क की हैं। उसने शीर्ष अदालत के समक्ष जांच को लेकर आठ स्थिति रिपोर्ट भी दाखिल की हैं।

ईडी ने बताया कि कुर्क की गई संपत्तियां कार्नौस्टी ग्रुप, शिवालिक ग्रुप, त्रिकार ग्रुप के अलावा चंद्रा की “मुखौटा, बेनामी और निजी” कंपनियों की हैं।

भाषा पारुल प्रशांत

प्रशांत