नयी दिल्ली, 29 नवंबर (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि उसने कथित तौर पर 2,800 करोड़ रुपये के चिटफंड घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में कोलकाता में एक व्यक्ति और उसके बेटे को गिरफ्तार किया है।
एक बयान में कहा गया कि विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत ने प्रयाग ग्रुप ऑफ कंपनीज के प्रवर्तक बासुदेब बागची और उनके बेटे अविक बागची को दस दिनों की ईडी हिरासत में भेज दिया।
ईडी ने 26 नवंबर को कोलकाता और मुंबई में इन दोनों और कुछ अन्य के परिसरों पर छापेमारी की थी। इन दोनों पर मासिक आय योजना (एमआईएस), ‘‘रिडीमेबल’’ तरजीही शेयर और क्लब सदस्यता प्रमाणपत्र जैसी ‘‘झूठी’’ उच्च-रिटर्न योजनाओं के तहत 2,800 करोड़ रुपये की जमा राशि एकत्र करके जनता को ‘‘धोखा’’ देने का आरोप है।
ईडी ने कहा कि अब तक निवेशकों को 1,900 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया गया है। प्रयाग समूह की कंपनियों ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) जैसी नियामक संस्थाओं से आवश्यक अनुमति के बिना ‘‘अवैध रूप से’’ काम किया, जिससे कई राज्यों के लाखों निवेशक प्रभावित हुए।
एजेंसी ने कहा कि निवेशकों से एकत्रित धन से हेराफेरी करते हुए प्रवर्तकों ने इसका इस्तेमाल बाद में विभिन्न संपत्तियों को खरीदने के लिए किया।
बयान में कहा गया, ‘‘ईडी धोखाधड़ी से अर्जित धन से अर्जित संपत्तियों का पता लगाने के लिए आरोपियों से पूछताछ करेगी। यह कार्रवाई घोटाले से जुड़ी संपत्तियों का पता लगाने और उन्हें बरामद करने के ईडी के प्रयासों का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य सही निवेशकों और पीड़ितों को धन वापस दिलाना है।’’
भाषा आशीष माधव
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