धूल चेहरे पे थी और वो आईना साफ करते रहे : टीकाकरण अभियान की विपक्ष की आलोचना पर यादव ने कहा

धूल चेहरे पे थी और वो आईना साफ करते रहे : टीकाकरण अभियान की विपक्ष की आलोचना पर यादव ने कहा

धूल चेहरे पे थी और वो आईना साफ करते रहे : टीकाकरण अभियान की विपक्ष की आलोचना पर यादव ने कहा
Modified Date: November 29, 2022 / 08:16 pm IST
Published Date: June 10, 2021 1:23 pm IST

नयी दिल्ली, दस जून (भाषा) कोविड-19 टीकाकरण अभियान की आलोचना करने वाले विपक्षी दलों को केंद्र पर उंगली उठाने के बजाए आत्मावलोकन करना चाहिए। यह बात बृहस्पतिवार को भाजपा महासचिव भूपेंद्र यादव ने कही। उन्होंने तंज कसा, ‘‘धूल चेहरे पे थी और वे आईना साफ करते रहे।’’

कोविड-19 महामारी के समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘‘उत्कृष्ट नेतृत्व’’ की प्रशंसा करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि संकट के समय उन्होंने आगे बढ़कर देश का नेतृत्व किया, जबकि विपक्षी दलों और उनके शासन वाले राज्य जिम्मेदारी से मुंह मोड़ने में व्यस्त थे।

यादव ने कहा कि विपक्ष को सकारात्मक आलोचना करनी चाहिए और इसका स्वागत है।

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उन्होंने कहा कि राहुल गांधी सहित विपक्ष के नेता और उनके मुख्यमंत्रियों ने टीकाकरण अभियान के विकेंद्रीकरण की मांग की थी। यादव ने पूछा, ‘‘उन्होंने टीका निर्माताओं से सीधे संपर्क साधने की मांग की और जब सरकार ने ऐसा कर दिया तो अब वे क्यों घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं।’’

भाजपा नेता ने स्वास्थ्य को राज्य का विषय बताते हुए कहा, ‘‘विपक्ष शासित राज्यों में कई टीकाकरण केंद्र बता रहे हैं कि टीका लगवाने के लिए अधिक संख्या में लोग नहीं आ रहे हैं। राजस्थान में टीका गड्ढे में दबाते हुए और कूड़ेदान में फेंकते हुए पकड़ा गया, जबकि पंजाब निजी अस्पतालों को टीका बेचकर लाभ कमाना चाह रहा था।’’

प्रभावी टीकाकरण अभियान पर ध्यान केंद्रित करने के बजाए विपक्ष इस संवेदनशील मुद्दे पर कलाबाजियां कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने हाथों में जिम्मेदारी ली।

यादव ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘वो उम्र भर यही करता रहा, धूल चेहरे पे थी और आईना साफ करता रहा।’’ टीकाकरण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि टीका महत्वपूर्ण संसाधन है और उन्हें बर्बाद नहीं किया जाना चाहिए। विपक्ष पर निशाना साधते हुए भाजपा नेता ने कहा कि टीके को लेकर लोगों को गुमराह कर उन्होंने राजनीति करने का प्रयास किया।

भाषा नीरज नीरज उमा

उमा


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