नई दिल्ली: Mohan Bhagwat: आज पूरे देश में विजयदशमी का त्योहार मनाया जा रहा है। इस मौके पर आज आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत महाराष्ट्र के दशहरा रैली में शामिल हुए। इसी दौरान उन्होंने ‘शस्त्र पूजा’ कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इस मौके पर भागवत RSS के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। दशहरा के अवसर पर आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम पर सभी की नजरें रहती है।
Mohan Bhagwat: कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि “बांग्लादेश में वहां के स्थानीय कारणों की वजह से हिंसक तख्तापलट हुआ। इस दौरान एक बार फिर से हिंदू समाज के लोगों पर अत्याचार किए गए। उन अत्याचारों के विरोध में वहां का हिंदू समाज इस बार संगठित होकर स्वयं के बचाव में घर के बाहर आया इसलिए थोड़ा बचाव हुआ। लेकिन यह अत्याचारी कट्टरपंथी स्वभाव जब तक वहां है तब तक वहां के हिंदुओं सहित सभी अल्पसंख्यक समुदायों के सिर पर खतरे की तलवार लटकी रहेगी।”
उन्होंने आगे कहा, “असंगठित रहना और दुर्बल रहना यह दुष्टों के द्वारा अत्याचारों को निमंत्रण देना है। यह पाठ भी विश्व भर के हिंदु समाज को ग्रहण करना चाहिए। यह बात यहां रुकती नहीं है। अब वहां भारत से बचने के लिए पाकिस्तान से मिलने की बात हो रही है। ऐसे विमर्श खड़े कर और स्थापित कर कौन से देश भारत पर दबाव बनाना चाहते हैं, इसको बताने की जरूरत नहीं है। इसको लेकर भी सरकार को सोचना होगा।”
मोहन भागवत ने कहा, “हर कोई महसूस करता है कि भारत दुनिया में अधिक मजबूत और सम्मानित हुआ है। हमारी परंपरा में निहित विचारों का सम्मान बढ़ा है। विश्व बंधुत्व, पर्यावरण, योग आदि के हमारे विचारों को दुनिया स्वीकार कर रही है। हमारा योग्य सारी दुनिया में फैशन बन रहा है। दुनिया इसके परिणाम को भी स्वीकार कर रही है। पर्यावरण के बारे में हमारी दृष्टि पूरी दुनिया में स्वीकार्य है। भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है। कई मामलों में देश आगे जा रहा है। देश के युवकों, शासन, प्रशासन, किसानों, जवानों के द्वारा देश को आगे ले जाने का प्रयास हो रहा है।’”
अपने संबोधन में RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, “देश में धर्म और संस्कृति का उत्थान होना चाहिए। युवाओं को धर्म सही अर्थ पता होना जरूरी है। भारत आज हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। पूरी दुनिया में भारत की साख तेजी से बढ़ रही है। युवा शक्ति ही देश को आगे लेकर जाएगी। पूरी दुनिया में लोग भारत को पीछे करने की कोशिश में लगे हुए हैं। ऐसी ही कुछ शक्तियां भारत में भी हैं।”