लोगों के बीच बेटे की चाहत को उजागर करती है डॉ. अरुणा कालरा की किताब

लोगों के बीच बेटे की चाहत को उजागर करती है डॉ. अरुणा कालरा की किताब

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  • Publish Date - October 26, 2024 / 04:22 PM IST,
    Updated On - October 26, 2024 / 04:22 PM IST

नयी दिल्ली, 26 अक्टूबर (भाषा) प्रसूति-स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ. अरुणा कालरा ने अपनी आत्मकथा ‘‘आई वॉन्ट ए ब्वॉय’’ में अपनी मरीजों के बीच बेटे की चाहत और बेटा पाने के लिए अपनाए जाने वाले उनके बेतुके तरीकों को उजागर किया है।

आंकड़ों के मुताबिक, पिछले तीन दशकों में अनुमानित 40 लाख से 1.2 करोड़ कन्या भ्रूण हत्या की गयी और हत्याओं का यह सिलसिला अब भी जारी है।

तकनीकी नवाचार और तेजी से बदल रहे सामाजिक मूल्यों के दौर में यह उम्मीद की जा सकती है कि पारंपरिक पूर्वाग्रह अब गुजरे जमाने की बात होंगे, लेकिन ऐसा है नहीं।

पुरुष उत्तराधिकारी की चाहत हर जगह दिखायी देती है, चाहे वह महंगे अस्पताल हो या सरकारी अस्पताल, जहां डॉ. कालरा ने अपने करियर की शुरुआत में तीन साल तक काम किया था।

वितस्ता द्वारा प्रकाशित इस किताब में व्यक्तिगत लघुकथाएं हैं और इसमें बार-बार गर्भधारण, चुनिंदा गर्भपात और लड़के के लिए पुराने अनुष्ठानों पर टिप्पणी भी की गयी है।

कालरा ने कहा कि उनकी किताब में सभी कहानियां असली हैं। हालांकि, पहचान छिपाने के लिए नाम बदल दिए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने भारत में ज्यादातर सरकारी अस्पतालों के मातृत्व वार्ड के भीतर की दुनिया दिखायी है।’’

उन्होंने कहा कि वह ये कहानियां इसलिए साझा करना चाहती थी क्योंकि ‘‘अक्सर इन अस्पतालों में सच्चाई दफन कर दी जाती है और इसे उजागर करने की आवश्यकता है।’’

कालरा ने कहा, ‘‘ये कहानियां हमारे देश की अधिकांश महिलाओं की असल जिंदगी की कहानियां हैं, ऐसी महिलाएं जिन्हें आवाज उठाने नहीं दिया जाता और परिवार के वारिस की खातिर झुकने के लिए मजबूर किया जाता है।’’

उन्होंने कहा कि बेटे की चाहत ‘‘हमारे अमीर, शिक्षित उच्च वर्ग में भी कम नहीं है, जो महंगे निजी अस्पतालों में आते हैं।’’

भाषा गोला दिलीप

दिलीप