नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मिली प्रचंड जीत पर शक की सुई मंडराने लगी है। चुनाव के दौरान जताए गए संदेहों पर चुनाव आयोग की ओर से सफाई नहीं देने पर 145 से ज्यादा रिटायर्ड सिविल और सैन्य अफसरों और शिक्षाविदों ने मिलकर चुनाव आयोग के खिलाफ आवाज उठाई है।चुनाव आयोग के खिलाफ लिखी गई चिट्ठी में चुनाव प्रक्रिया के दौरान छोटे-बड़े सभी तरह के विवादों का जिक्र है। लेकिन इन आरोपों के बावजूद चुनाव आयोग की चुप्पी पर लोगों ने सवाल खड़े किए हैं।
चुनाव के खिलाफ आवाज बुलंद करने वालों में 64 पूर्व आईएएस, आईएफएस, आईपीएस और आईआरएस अफसरों शामिल हैं। इन्होंने आयोग के खिलाफ ओपन लेटर लिखा है। इस लेटर का अन्य 83 रिटायर्ड सिविल और सैन्य अफसरों व शिक्षाविदों ने समर्थन किया है। अंग्रेजी अखबार द टेलिग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, लेटर में लिखा है, ‘2019 का आम चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के मामले में बीते तीन दशकों में सबसे नीचे नजर आता है।’ चिट्ठी में आरोप लगाया गया है कि 2019 का जनादेश शक के घेरे में है।
पढ़ें- जिले का चौथा निगम बनेगा रिसाली, प्रस्ताव पर लगेगी म…
इन पर उठाए गए हैं सवाल
लोगों ने चुनाव आयोग द्वारा जवाब नहीं आने पर खेद जताते हुए लिखा है कि आयोग को खुद से पहल करना था और कहीं गड़बड़ी हुई है तो उसकी जानकारी देनी चाहिए थी। चिट्ठी में चुनाव की तारीख, शेड्यूल, मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के उल्लंघनों, पुलवामा-बालाकोट जैसे मुद्दों का चुनाव प्रचार में इस्तेमाल, पीएम के हेलिकॉप्टर की तलाशी पर आईएएस अफसर के ट्रांसफर, नीति आयोग की भूमिका, नमो टीवी, इलेक्टोरल बॉन्ड्स, ईवीएम आदि से जुड़े विवादों पर सवाल उठाए गए हैं।
पढ़ें- लगातार बारिश से बह गया बांध, दर्जनों घर भी बहे, 6 ल…
निगम में कीचड़ फैलाने वाले पार्षद निलंबित
<iframe width=”560″ height=”315″ src=”https://www.youtube.com/embed/HiskWVV43oA” frameborder=”0″ allow=”accelerometer; autoplay; encrypted-media; gyroscope; picture-in-picture” allowfullscreen></iframe>