सुरक्षा व्यवस्था को चकमा देकर BJP राज्यसभा सदस्य ने किले में फहराया आदिवासी झंडा, भगवा ध्वज फाड़ने पर हुआ था हंगामा

मीणा ने पुलिस को चकमा देकर आंबागढ़ किले में झंडा फहरायाDodging the security system, removing the saffron flag and hoisting the tribal flag in the fort Serious allegations against Hindu organizations

  •  
  • Publish Date - August 1, 2021 / 06:00 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:27 PM IST

जयपुर, एक अगस्त । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य किरोड़ी लाल मीणा रविवार सुबह पुलिस को चकमा देते हुए आंबागढ़ किले में प्रवेश कर कर गए और वहां सफेद रंग का आदिवासी झंडा लगा दिया। बाद में पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा की अगुवाई में समुदाय के कुछ युवकों ने इस किले में लगे भगवा ध्वज को ​कथित तौर पर उतार दिया था। इसके बाद से यह किला विवाद का केन्द्र बन गया है। मीणा ने हिंदू संगठनों पर आदिवासी समुदाय की परंपरा के साथ छेड़छाड़ की कोशिश करने का आरोप लगाया था। मीणा द्वारा रविवार को किले में झंडा फहराने की घोषणा के बाद से जयपुर-आगरा राजमार्ग पर गलता के पास पर्वतीय क्षेत्र में स्थित इस किले के प्रवेश द्वार पर पुलिस बल तैनात थी। हालांकि मीणा अपने कई समर्थकों के साथ किले के पीछे पहाड़ियों से होकर रविवार तड़के किले में पहुंच गए और वहां शिव मंदिर के पास सफेद झंडा लगा दिया।

Read More: TokyoOlympics2020 : रजत पदक विजेता मीराबाई चानू पर बनेगी फिल्म, सेउती फिल्म्स प्रोडक्शन्स ने किया करार

मीणा द्वारा वीडियो और तस्वीरें जारी करने के बाद पुलिस किले के अंदर गई और उन्हें हिरासत में ले लिया। सांसद मीणा को विद्याधर नगर पुलिस थाने ले जाया गया जहां जयपुर पुलिस आयुक्त आनंद श्रीवास्तव सहित पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी पहुंचे थे। सांसद को थाने ले जाये जाने के तुरंत बाद उनके समर्थक पुलिस थाने के बाहर एकत्रित हो गये और उन्हें छोड़ने की मांग करने लगे। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मीणा की गिरफ्तारी की आलोचना करते हुए एक बयान में कहा, ‘‘आंबागढ़ क़िले के मामले में धर्म के नाम पर राजनीति कर रही कांग्रेस को करारा जवाब देने वाले किरोड़ी लाल मीणा की गिरफ़्तारी निंदनीय है। मीणा को तुरंत रिहा किया जाए।’’

उल्लेखनीय है कि यह किला दो समुदायों के बीच विवाद का केन्द्र बनता जा रहा है। इस किले पर लगे भगवा ध्वज को हाल ही में निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा की उपस्थिति में कुछ लोगों ने कथित तौर पर फाड़ दिया था। इस संबंध में ट्रांसपोर्ट नगर थाने में मीणा समुदाय और दक्षिणपंथी संगठनों की ओर से 22 जुलाई को दो प्राथमिकी दर्ज कराई गईं। पुलिस को बुधवार को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए किले और वहां बने मंदिर के अंदर प्रवेश को रोकना पड़ा। ऐतिहासिक तौर पर किले का संबंध मीणा समुदाय से था ओर समुदाय के लोग अक्सर शिव मंदिर जाते थे। हाल ही में निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा के नेतृत्व में एक समुदाय के युवाओं के एक समूह ने किले पर लगे भगवा झंडे को हटा कर फाड दिया था। मीणा ने हिन्दू संगठनों पर आदिवासी संस्कृति के साथ छेडछाड करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था।

Read More: छत्तीसगढ़ सरकार की स्वास्थ्य सहायता योजनाओं से संभव हुआ 6 माह की ताक्षी का लिवर ट्रांसप्लांट, नया जीवन मिला

घटना का एक वीडियो वायरल होने के बाद हिंदू संगठनों ने भगवा झंडा हटाने पर आपत्ति जताई। बाद में घटना में शामिल दोनों पक्षों ने प्राथमिकी दर्ज करवाई। सांसद की गिरफ्तारी पर टिप्पणी करते हुए निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा ने कहा, ‘‘कोई विवाद नहीं होता अगर किरोड़ी ने यह नहीं कहा होता कि वह रविवार को समुदाय का झंडा लगाने जा रहे हैं।’’ पुलिस ने कहा कि किला जिस क्षेत्र में स्थित है वह वन विभाग का है और वहां सरकारी काम के अलावा किसी को भी जाने की अनुमति नहीं है। पुलिस ने शनिवार को किले के पास फ्लैग मार्च भी किया था जिसमें लोगो से शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील की गई थी।