युद्ध में 40 दिन तक कम न पड़ें हथियार, सेना बढ़ा रही अपनी ताकत | Do not reduce weapons in war for 40 days, army increasing its strength

युद्ध में 40 दिन तक कम न पड़ें हथियार, सेना बढ़ा रही अपनी ताकत

युद्ध में 40 दिन तक कम न पड़ें हथियार, सेना बढ़ा रही अपनी ताकत

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:52 PM IST
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Published Date: January 27, 2020 10:24 am IST

नई दिल्ली। भारतीय सेना इन दिनों अपनी ताकत बढ़ाने के लिए पुरजोर प्रयास कर रही है, रॉकेट्स और मिसाइल्स से लेकर हाई-कैलिबर वाले टैंक और आर्टिलरी शेल्स का बड़ा जखीरा सेना खड़ा कर रही है। ये सारी तैयारियां इस तरह से की जा रही हैं ताकि 10 दिन तक चलने वाले किसी भयानक युद्ध के लिए सप्लाई पूरी रहे। आगे चलकर इस लक्ष्य को 40 दिन किया जाएगा।

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रक्षा मंत्रालय के सूत्रों की माने तो सेना के लिए अलग-अलग हथियार ’10 (I) स्तर’ तक पहुंचाए जाएंगे जिसका मतलब है कि 10 दिन तक चलने वाले घनघोर युद्ध के लिए जरूरी स्टॉक का होना। यह खासकर पश्चिमी सीमा के लिए है। लेकिन हथियारों का रिजर्व पाकिस्तान और चीन, दोनों को ध्यान में रखकर खड़ा करना है।

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गौरतलब है कि पहले जो जरूरी सामान कम पड़ते थे, उन्हें पूरा कर लिया गया है और करीब 12,890 करोड़ रुपये के 24 और कॉन्ट्रैक्ट अभी पाइपलाइन में हैं। इनमें से 19 विदेशी कंपनियों के साथ किए गए समझौते हैं। अगला टार्गेट 40(I) स्तर होगा। हालांकि, इसे लेकर काफी सोच-विचार किया जाएगा क्योंकि हर तरह के हथियारों की भारी संख्या में जरूरत नहीं होती और इतने बड़े रिजर्व को बनाए रखना लागत या सहूलियत के लिहाज से भी ठीक नहीं होता है।

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पिछले कई सालों से सेना में टैंक से लेकर एयर डिफेंस यूनिट तक हथियारों की कमी को लेकर सवाल खड़े होते रहे हैं। कई संसदीय और सीएजी रिपोर्ट्स में भी इसे बताया गया, लेकिन 2016 में हुए उरी हमले के बाद सरकार ऐक्शन मोड में आ गई और जल, थल और वायु, तीनों सेनाओं को वित्तीय अधिकार दे दिए गए। जब यह बात सामने आई कि सेनाओं के पास युद्ध के लिए पर्याप्त हथियार नहीं हैं, तो 10(I) स्तर के कॉन्ट्रैक्ट्स किए गए।

 
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