मुंबई : IIT Bombay initiative to discrimination : IIT बॉम्बे ने छात्रों के बीच जाति के आधार पर भेदभाव को रोकने के लिए गाइडलाइंस जारी की है। IIT बॉम्बे ने स्टूडेंट्स को आदेश दिया है कि वह आपस में एक-दूसरे से JEE रैंक न पूछें। संस्थान की ओर से जारी भेदभाव -विरोधी गाइडलाइंस में कहा गया है कि रैंक के बार में पूछना जाति निर्धारित करने का एक प्रयास हो सकता है। यह फैसला प्रथम वर्ष के छात्र दर्शन सोलंकी की कैंपस में आत्महत्या को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
IIT Bombay initiative to discrimination : संस्थान की ओर से जारी भेदभाव -विरोधी गाइडलाइंस के अनुसार, किसी साथी छात्र से उनकी जन्म/प्रवेश श्रेणी के बारे में पूछना अनुचित है क्योंकि इससे किसी के प्रति सही या बुरी सोच पैदा हो सकती है। यहां तक कि किसी के JEE रैंक और GATE के स्कोर को पूछने के लिए भी मना किया गया है। रैंक पूछना जाति पूछने जैसा हो सकता है। इस तरह के सवाल पूछने पर छात्र के अंदर जाति को लेकर भ्रांतियां बढ़ेंगी और इसक उलटा असर देखने को मिल सकता है।
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IIT Bombay initiative to discrimination : संस्थान ने छात्रों से आगे आकर साथ चलने की अपील की है। जारी निर्देश में कहा गया है कि छात्र आपस में विभाग, खेल, संगीत, फिल्में, स्कूल, कॉलेज, गांव, शहर या शौक जैसी समानताओं को लेकर आपस में बातचीत करें। अथॉरिटी ने गालियां, जाति, लिंग, धर्म के आधार पर कट्टरता दिखाने वाले मैसेज या जोक्स को बैन कर दिया है। यह एक तरह से परेशान करने वाला हो सकता है।
IIT Bombay initiative to discrimination : दरअसल, IIT बॉम्बे के फर्स्ट ईयर के छात्र दर्शन सोलंकी ने बीते साल हॉस्टल की सातवीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। सोलंकी के परिवार ने आरोप लगाया था कि एक साथी ने उसकी जेईई रैंक जानने के बाद उससे बात करना कम कर दिया था। हालांकि, आईआईटी बॉम्बे की अथॉरिटी ने कहा कि कैंपस में किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जाता है।