द्रमुक सदस्य ने रास में उठाया एकलव्य मॉडल स्कूलों में भर्ती की प्रक्रिया राज्यों को सौंपने का मुद्दा

द्रमुक सदस्य ने रास में उठाया एकलव्य मॉडल स्कूलों में भर्ती की प्रक्रिया राज्यों को सौंपने का मुद्दा

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  • Publish Date - July 25, 2024 / 02:56 PM IST,
    Updated On - July 25, 2024 / 02:56 PM IST

नयी दिल्ली, 25 जुलाई (भाषा) द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के तिरुचि शिवा ने बृहस्पतिवार को सरकार से एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) के लिए कर्मचारियों की भर्ती की जिम्मेदारी राज्य सरकारों को सौंपने का आग्रह किया।

राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान शिवा ने दक्षिण के स्कूलों में उत्तर भारत के लोगों की भर्ती के कारण छात्रों को संवाद सहित होने वाली अन्य परेशानियों पर चिंता जताई और भर्ती प्रक्रिया में हुए हालिया बदलाव को रेखांकित किया।

उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया राज्य सरकारों से लेकर ‘नेशनल एजुकेशन सोसाइटी फॉर ट्राइबल स्टूडेंट्स’ (नेस्ट्स) को सौंप दी गई।

शिवा ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर 38,000 पदों को भरकर 400 ईएमआरएस में शिक्षकों की कमी को दूर करने के उद्देश्य से इस केंद्रीकृत दृष्टिकोण ने अनपेक्षित परिणाम दिए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘303 प्रिंसिपल, 707 जूनियर सेक्रेटेरियल असिस्टेंट और अन्य कर्मचारियों के पहले बैच में मुख्य रूप से दक्षिण भारत में नियुक्त उत्तर भारतीय राज्यों के लोग शामिल हैं।’’

उन्होंने तर्क दिया कि शिक्षकों का बच्चों से संवाद करने और उन्हें समझने व समझाने के लिए स्थानीय आदिवासी संस्कृति और संदर्भ को समझना महत्वपूर्ण है।

द्रमुक नेता ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया में हिंदी की अनिवार्यता के चलते संवाद में भी कमी हो रही है और इससे शिक्षण प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘नए कर्मचारियों पर दो साल के भीतर स्थानीय भाषा सीखने का दबाव है।’’

शिवा ने सरकार से संबंधित राज्य सरकारों को भर्ती की जिम्मेदारी वापस करने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा, ‘‘शिक्षा समवर्ती सूची में है। मैं सरकार से इसे राज्य सूची में वापस लाने का आग्रह करता हूं।’’

उन्होंने इस मुद्दे पर सरकार से गंभीरता से विचार करने का आह्वान किया।

भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र मनीषा

मनीषा