नयी दिल्ली, 11 दिसंबर (भाषा) कृषि मंत्रालय ने सुझाव दिया है कि पारदर्शिता सुनिश्चित करने और खरीद प्रक्रिया में अनियमितताओं को रोकने के लिए प्याज की खरीद में जिला प्रशासन को शामिल किया जाना चाहिए।
खाद्य और उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री बी एल वर्मा ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि कृषि विभाग ने भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) द्वारा मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) के तहत प्याज की खरीद में अनियमितताओं के आरोपों की जांच के लिए एक तथ्यान्वेषी समिति का गठन किया है।
उन्होंने कहा कि विभाग ने चार नवंबर, 2024 के कार्यालय ज्ञापन के माध्यम से ‘‘सुझाव दिया है कि पारदर्शिता और स्थानीय निगरानी सुनिश्चित करने, किसानों का बायोमेट्रिक आधारित सत्यापन करने की व्यवस्था अपनाने और आधार-सक्षम भुगतान प्रणाली के माध्यम से पंजीकृत किसानों के बैंक खाते में भुगतान करने के लिए संबंधित जिला प्रशासन को खरीद प्रक्रिया में शामिल किया जाना चाहिए।’’
प्याज की खरीद को सुव्यवस्थित करने के लिए, उपभोक्ता विभाग ने डिजिटल खरीद सहायता और सूचना प्रणाली विकसित करने के वास्ते तीसरे पक्ष की एजेंसियों को लगाया है। इस प्रणाली के माध्यम से प्याज की खरीद, भंडारण और निपटान की निगरानी की जा रही है।
उन्होंने कहा कि प्रमुख उपभोग केंद्रों में स्थिर खुदरा दुकानों और मोबाइल वैन के माध्यम से खुदरा उपभोक्ताओं के बीच 35 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से प्याज बेची जा रही है।
वर्मा ने कहा कि इन उपायों से उपभोक्ताओं को सस्ती कीमत पर प्याज उपलब्ध कराने और कीमतों को स्थिर करने में मदद मिली है। ये एजेंसियां मुख्य रूप से महाराष्ट्र से प्याज खरीदती हैं।
भाषा सुरेश वैभव
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